-केंद्रीय मंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम लिए बगैर साधा निशाना, कहा- अपने प्रतिद्वंद्वी को फंसाना उनकी पुरानी परिपाटी
जोधपुर, 26 सितम्बर (Udaipur Kiran) । संजीवनी मामले में क्लीन चिट मिलने के बाद पहली बार जोधपुर आए केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि संजीवनी मामले में उनके और मेरे परिवार की कोई भूमिका नहीं थी। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम लिए बगैर शेखावत ने कहा कि सिर्फ और सिर्फ अपने पुत्र की हार से परेशान एवं अपनी सिमटती राजनीति को बचाए रखने के लिए शासन व्यवस्था का दुरुपयोग कर मुझे फंसाने का प्रयास किया गया था, लेकिन अब न्याय की जीत हुई है।
शेखावत गुरुवार को जोधपुर आए। उन्होंने यहां पत्रकारों से बाचतीत में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम लिए बिना कहा कि अपने प्रतिद्वंद्वी को इसी तरह से फंसाने की उनकी पुरानी परिपाटी रही है। उनकी राजनीति एक बार फिर उजागर हुई है। शेखावत ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए सरकार और शासन व्यवस्था का दुरुपयोग किया। शेखावत ने कहा कि पू्र्व मुख्यमंत्री ने मुझे और मेरे परिवार को बदनाम करने के तमाम प्रयास किए। मेरी दिवंगत माता के लिए किस तरह के शब्दों का उपयोग किया, मैं वापस उन्हें दोहराना नहीं चाहता। मैंने हर बार कहा था कि मेरा दामन पाक-साफ है। मुझे अत्यंत प्रसन्नता है कि यह जीत या सत्य-असत्य की लड़ाई नहीं है, यह न्याय हुआ है और अन्याय का एक बार फिर पर्दाफाश हुआ है। मानहानि का मुकदमा लगाने के सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मानहानि का मुकदमा पहले से चल रहा है। मेरी मां के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया गया, उसके बाद दिल्ली मैंने मानहानि का मुकदमा दर्ज किया था। पूर्व मुख्यमंत्री पर हमलावर होते हुए शेखावत ने कहा कि केवल पुत्र मोह नहीं था। कुर्सी पर बने रहने और अपनी सिमटी राजनीतिक जाजम को बचाने के लिए अपने प्रतिद्वंद्वी को इसी तरह से फंसाने की उनकी पुरानी परिपाटी रही है। ऐसे अनेक उदाहरण आप उनके दल में और दल के बाहर देख सकते हैं। राजेंद्र सिंह जी, मदेरणा परिवार और राम सिंह जी के परिवार के साथ में किस तरह की घटनाएं हुईं। ऐसी अनेक घटनाएं सूत्र में पिरोकर देख लीजिए, सत्य उद्घाटित हो जाएगा।
अब उनके मुंह पर लगेगा ताला
शेखावत ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री की राजनीति एक बार फिर उजागर हुई है। जो झूठ उन्होंने बोला। उनकी पार्टी के नेताओं ने बोला। चुनाव के समय में जो सामने प्रतिद्वंद्वी थे, उन्होंने भी इस तरह की बातें की थीं। मुझे लगता है कि शायद अब उनके मुंह पर भी ताला लगेगा। सत्य सामने आया है। भारत की न्यायपालिका ने एक बार फिर सिद्ध किया है कि भारत में सत्य को परेशान किया जा सकता है, लेकिन परास्त नहीं किया जा सकता।
अपने ही ओएसडी पर डलवाई रेड
फोन टेपिंग प्रकरण के सवाल पर शेखावत ने कहा कि कल फोन टैपिंग प्रकरण में पूर्व मुख्यमंत्री के पूर्व ओएसडी से छह घंटे की पूछताछ में सारा विवरण खुलकर सामने आया है। किस तरह तत्कालीन मुख्यमंत्री अपने विधायकों, अपने मंत्रियों और विपक्षी नेताओं के फोन टैप करवाते थे। किस तरह से उन्होंने फोन टैप कर ऑडियो पेन ड्राइव में डालकर लोकेश शर्मा को दिया था। लोकेश शर्मा ने उनके निर्देश पर टैप को वायरल किया। केस दर्ज होने के बाद लोकेश शर्मा के मोबाइल को गायब करने के लिए उस पर दबाव बनाया। शेखावत ने कहा कि पतन की पराकाष्ठा देखिए, अपने ही ओएसडी का कंप्यूटर बरामद करने के लिए एसओजी से रेड तक डलवाई। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि कोई व्यक्ति अपनी राजनीति बचाए रखने के लिए इतने नीचे स्तर पर गिर जाए और फिर भी अपने आप को बड़े लोग समझें और कहलाएं, मुझे लगता है कि इससे बुरा और कुछ भी नहीं हो सकता।
निवेशकों को पैसा दिलाने के लिए संकल्पबद्ध
संजीवनी के निवेशकों को उनका पैसा वापस मिलने के सवाल पर शेखावत ने कहा कि निश्चित रूप से उसकी प्रक्रिया चालू है। लोकसभा ने 2019 में बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम एक्ट बनाया गया। संजीवनी जैसे केसेस में जांच का अधिकार सीबीआई को दिया गया था। जांच के दौरान आरोपित या आरोपिताें से संपत्ति जब्त कर निवेशकर्ताओं का पैसा लौटाने की व्यवस्था है, लेकिन दुर्भाग्य से राजस्थान की पूर्ववर्ती सरकार ने केवल अपने राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट में बड़े वकीलों की फौज खड़ी की, ताकि कानून की अनुपालना न हो सके, ताकि मुझे फंसाने का शिकंजा उनके पास में रहे। अब क्योंकि वाद न्यायालय में लंबित है। एक बार न्यायालय से आदेश होने के बाद में इस प्रकरण की बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम के तहत विवेचना हो सकेगी। वह जिस दिन प्रारंभ होगी, उस दिन निश्चित रूप से निवेशकों का पैसा शीघ्रता के साथ में मिले,यह मार्ग सुनिश्चित होगा। शेखावत ने कहा कि मैं पूरे प्राण प्रण की ऊर्जा से निवेशकों का डूबा हुआ पैसा उनको मिल सके, इसलिए उनके साथ में खड़े रहकर काम करने के लिए पहले भी संकल्पबद्ध था और अभी भी हूं।
जीजी को दी श्रद्धांजलि, शोक जताया
शेखावत जोधपुर आने के बाद दिवगंत पूर्व विधायक सूर्यकांता व्यास (जीजी) के घर गए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने जीजी के परिजनों से मिलकर निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की और उन्हें ढांढस बंधाया। शेखावत जोधपुर में विविध कार्यक्रमों में शिरकत करने के बाद भीनमाल के लिए रवाना हो गए। केन्द्रीय मंत्री ने भीनमाल के पहाड़पुरा जाकर प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्व विधायक नारायण सिंह देवल के परिवार में हुई गमी पर शोक संवेदना व्यक्त की।
(Udaipur Kiran) / सतीश