
जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में वेव्स 2025 में सम्मिलित हुए केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री
जोधपुर, 02 मई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ऑडियो-विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट (वेव्स) में सम्मलित हुए। शेखावत ने कहा कि भारत की रचनात्मक भावना का यह एक शानदार उत्सव है। वास्तव में हमारी सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था के उत्थान के लिए एक परिभाषित मंच है।
जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में शुरू हुए वेव्स 2025 में शेखावत ने कहा कि आज हम वेव्स में जो देख रहे हैं, वो दो गहन शक्तियों संस्कृति और संहिता का एक साथ आना है। जहां परंपरा परिवर्तन से मिलती है और कहानी कहने में अनुकरण शामिल होता है। सिनेमा से लेकर ओटीटी, गेमिंग से लेकर कॉमिक्स, डिजिटल मीडिया से लेकर एआई अवतार और एसीजीसी-एक्सआर के माध्यम से इमर्सिव रियलिटी तक, वेव्स हमारी रचनात्मक और तकनीकी प्रतिभा के पूरे स्पेक्ट्रम को प्रदर्शित करता है। आज यहां में हम एक कार्यक्रम से कहीं अधिक देख रहे हैं। हम एक आंदोलन देख रहे हैं, एक ऐसा आंदोलन जो सांस्कृतिक विरासत और डिजिटल उत्कृष्टता की दोहरी नींव पर निर्मित मीडिया और मनोरंजन (एम एंड ई) पावरहाउस में भारत के परिवर्तन को दर्शाता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत हमेशा से वेदों से लेकर वाल्मीकि रामायण तक, महाभारत से लेकर मध्ययुगीन भक्ति काव्य तक, राजा रवि वर्मा के कैनवास से लेकर सत्यजीत रे के कैमरे तक कहानियों की सभ्यता रहा है। अब 2025 में हम न केवल सिनेमा हॉल के लिए बल्कि स्क्रीन, स्ट्रीम, हेडसेट और होलोग्राम के लिए भी कहानियां लिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री के रूप में मैं वेव्स 2025 को एक परिवर्तनकारी मंच के रूप में देखता हूं, जो संस्कृति और वाणिज्य, पर्यटन और प्रौद्योगिकी के बीच की सीमाओं को धुंधला कर देता है।
शेखावत ने कहा कि भारत का एम एंड ई सेक्टर आने वाले वर्षों में एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, स्ट्रीमिंग, प्रोडक्शन और संबद्ध सेवाओं में 3 मिलियन से अधिक नए रोजगार पैदा करने के लिए तैयार है। अकेले क्रिएट इन इंडिया चैलेंज में 750 से अधिक फाइनलिस्ट के साथ, हम डिजिटल उद्यमियों की अगली लहर को उभरते हुए देख रहे हैं, जिनमें से कई छोटे शहरों और दूरदराज के जिलों से हैं। यह कला, मीडिया और कहानी कहने को सभी के लिए सुलभ, आकांक्षात्मक और आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने की हमारी व्यापक सांस्कृतिक नीति के अनुरूप है।
(Udaipur Kiran) / सतीश
