— अबूझ मुहूर्त से होगा मांगलिक कार्यों का शुभारंभ
श्योपुर, 10 नवंबर (Udaipur Kiran) । चार माह से बंद मांगलिक कार्य 12 नवंबर देवउठनी एकादशी (देव प्रबोधनी एकादशी) को अबूझ मुहूर्त के साथ शुरू हो जाएंगे। भगवान विष्णु क्षीर सागर में चार माह शयन के बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी को निद्रा से उठेंगे। देव उठनी एकादशी को अबूझ सावा होने के कारण कस्बे सहित जिलेभर में शहनाइयों की गूंज रहेगी। मंदिरों में देवोत्थापन अनुष्ठान होंगे और ठाकुर जी के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ रहेगी।
पं. रामलखन शास्त्री ने बताया कि, इससे पूर्व आषाढ़ शुक्ल देवशयनी एकादशी 17 जुलाई को भगवान के शयन करने के कारण शादी, गृह प्रवेश, देव प्रतिष्ठा व मुंडन जैसे मांगलिक कार्य नहीं हो पा रहे थे। अब देवउठनी एकादशी को भगवान विष्णु के जगाने पर पुन: शुभ कार्य शुरू हो सकेंगे। देव उठनी एकादशी अबूझ सावे के बाद 22, 23, 24, 25, 26, 27 नवंबर को और दिसंबर में 5, 6, 7, 11 तारीख को विवाह के श्रेष्ठ मुहूर्त रहेंगे। इसके बाद 15 दिसंबर को सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ ही धनु मलमास प्रारंभ हो जाएगा। इस दौरान मांगलिक कार्यों पर विराम रहेगा। अगले साल 14 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही पुन: मांगलिक कार्यों का शुभारंभ हो पाएगा। देव प्रबोधनी एकादशी 12 नवंबर को है। एकादशी के साथ द्वादशी होने से यह संपूर्ण फल को प्रदान करने वाली है। 4 माह बाद भगवान विष्णु क्षीर व सागर में निंद्रा से उठकर भक्तों के लिए समस्त संसार का भार ग्रहण करेंगे। इस तिथि के साथ ही शुभ व मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / शरद शर्मा