नई दिल्ली, 20 नवंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के तत्कालीन आधिकारिक आवास 6, फ्लैग स्टाफ रोड में लगवाए गए आरामदायक संसाधनों की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग करते हुए उपराज्यपाल को पत्र लिखा है । पत्र में कहा गया है कि केजरीवाल को 2022 में दोबारा मुख्यमंत्री बनने पर लोक निर्माण विभाग ने जो फर्नीचर आदि संसाधन उपलब्ध करवाये और 2024 में उनके पद से हटने के बाद केजरीवाल ने जो सामान छोड़ा, दोनों में भारी असमानता है।
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि पीडब्ल्यूडी द्वारा 2022 में जो सामान बंगले में उपलब्ध करवाया था और 2024 में केजरीवाल द्वारा बंगला खाली किये जाने के बाद पीडब्ल्यूडी ने जब इन्वेंटरी की लिस्ट बनाई तो पाया कि वहां उपलब्ध सामान उनके द्वारा उपलब्ध करवाये गए सामान से बहुत ज्यादा था। लग्जरी और महंगी टायलेट सीट्स से लेकर महंगे वाश बेसिन तक, रेकलाइनिंग सोफों से लेकर महंगे पर्दों तक, महंगे गलीचों से लेकर बेशकीमती टीवी सेट्स और रेफ्रिजरेटर तक जैसी आइटम्स एक्स्ट्रा थीं, जिन्हें पीडब्ल्यूडी ने उपलब्ध नहीं करवाया था। गुप्ता ने कहा कि ऐसे में सवाल उठता है कि यदि पीडब्ल्यूडी ने यह सामान नहीं दिया तो फिर वो कौन-कौन लोग थे, जिन्होंने भ्रष्टाचार की नींव पर खड़े किये गए केजरीवाल के इस शीश महल को इन भव्य आइटम्स से नवाजा। जाहिर है केजरीवाल द्वारा शराब घोटाले में दिये गये फायदे के बदले शराब माफिया ने केजरीवाल को भव्य विलासिता के तमाम संसाधन उपलब्ध करवा कर उनकी शान में अपने पलक पांवड़े बिछा दिए।
गुप्ता ने कहा कि 2022 में जारी पीडब्ल्यूडी के दस्तावेज बताते हैं कि 2022 के बाद उसने शीश महल में कोई सामान उपलब्ध नहीं करवाया। इसका मतलब 2022 से लेकर 2024 तक केजरीवाल ने जिन लोगों को शराब नीति से उपकृत किया, उनके संसाधनों पर ही राजमहल जैसी सुविधाओं का उपभोग किया।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाजपा ने 12-12 लाख की जिन टॉयलेट कमोड का खुलासा किया था, दरअसल वो लाखों की नहीं बल्कि करोड़ों रुपयों की रिश्वत से बनवाई गई थीं, क्योंकि इस भव्य शौचालय में सोने की परत वाली टॉयलेट और वॉश बेसिन तक लगी हुई थी। गुप्ता ने पूछा कि आखिर कौन थे वो लोग, जिन्होंने इतना ऐशो आराम उपलब्ध करवाया और केजरीवाल ने इसके बदले में उन लोगों को कैसे उपकृत किया, ये सब जांच का विषय है।
उपराज्यपाल को लिखे पत्र में विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच की जाए, ताकि खुद को ‘कट्टर ईमानदार’ और ‘आम’ आदमी कहने वाले अरविंद केजरीवाल की सच्चाई जनता के सामने आ सके। ‘आआपा’ सरकार के भ्रष्टाचार के परत दर परत हो रहे खुलासे के सच से दिल्ली के दो करोड़ लोगों को रूबरू करवाना चाहिए और भाजपा इस सच को जनता के सामने लाकर ही रहेगी।
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(Udaipur Kiran) / माधवी त्रिपाठी