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बीकानेर की सांझा संस्कृति के प्रतिनिधि हैं शकूर, शब्द साधक सम्मान अर्पित

बीकानेर की सांझा संस्कृति के प्रतिनिधि हैं शकूर, शब्द साधक सम्मान अर्पित

बीकानेर, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मुक्ति तथा शब्द रंग साहित्य एवं कला संस्थान द्वारा गुरुवार को श्री शार्दुल राजस्थानी रिसर्च इंस्टिट्यूट में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कवि तथा शायर अब्दुल शकूर सिसोदिया बीकाणवी को शब्द साधक सम्मान अर्पित किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कवि-कथाकार राजेंद्र जोशी ने कहा कि शकूर बीकाणवी संभावनाओं से भरे रचनाकार हैं। उनकी रचनाओं में संवेदनशीलता और सपाटबयानी है, जो इन्हें दूसरे रचनाकारों से अलग पहचान दिलाती है। अध्यक्षता करते हुए युवा कवि हरिशंकर आचार्य ने कहा कि शकूर बीकाणवी सही मायनो में बीकानेर की सांझा संस्कृति के प्रतिनिधि हैं। इन्होंने हिंदी और राजस्थानी के साथ उर्दू में सतत लेखन किया है। जागती जोत के संपादक डॉ. नमामी शंकर आचार्य ने बीकानेर की त्रिभाषी लेखन परंपरा के बारे में बताया और कहा कि हमारा शहर इस क्षेत्र में बेहद समृद्ध है। गीतकार राजा राम स्वर्णकार ने अभिनंदन पत्र का वाचन किया।

उन्होंने शकूर बीकाणवी की लेखन परंपरा पर प्रकाश डाला। शकूर बीकाणवी ने विभिन्न रचनाओं का वाचन किया। गंगा बिशन ने स्वागत उद्बोधन दिया। जुगल पुरोहित ने आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन पुस्तकालयाध्यक्ष विमल कुमार शर्मा ने किया। इस दौरान डॉ. गौरी शंकर प्रजापत, सोनू सिसोदिया आदि ने भी विचार रखे।

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(Udaipur Kiran) / राजीव

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