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एसजीपीसी का बड़ा फैसला, अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह को हटाया गया

अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार रघुबीर सिंह

कुलदीप सिंह गडग़ज को दिया अतिरिक्त प्रभार

चंडीगढ़, 07 मार्च (Udaipur Kiran) । शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की अंतरिम कमेटी की शुक्रवार को कई घंटे तक चली बैठक के बाद अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह को उनके पद से हटा दिया गया। ज्ञानी रघुबीर सिंह को अब हरमंदिर साहिब का मुख्य ग्रंथी बनाया गया है। अकाली दल व एसजीपीसी के बीच पिछले कई माह से चल रहा घमासान लगातार तेज होता जा रहा है। एसजीपीसी प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने 17 फरवरी को अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। शुक्रवार को हुई बैठक में प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के इस्तीफे पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ।

बैठक में अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को लेकर बड़ा फैसला सामने आ गया। बीते 26 दिनों में यह तीसरा अवसर है जब तख्त के जत्थेदार को हटाया गया है। आज की बैठक में अकाल तख्त साहिब के अलावा तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी सुल्तान सिंह को भी हटाया गया है। श्री केसगढ़ साहिब की जिम्मेदारी अब ज्ञानी कुलदीप सिंह गडग़ज के पास होगी। साथ ही वह श्री अकाल तख्त साहिब का एडिशनल चार्ज भी संभालेंगे। ज्ञानी बाबा टेक सिंह को श्री दमदमा साहिब की जिम्मेदारी दी गई है।

कमेटी के सदस्य जसवंत सिंह पुड़ैण ने बताया कि 2 दिसंबर के फैसले के कारण ही दोनों तख्तों के जत्थेदारों को हटाया गया है। इसके पीछे 2 बड़े कारण रहे। पहला ज्ञानी रघबीर सिंह बिना बताए फैसले ले रहे थे। दूसरा, वे बिना बताए विदेश जा रहे थे। समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सरदार रघुजीत सिंह ने बताया कि अंतरिम समिति का मानना है कि वर्तमान समय में पंथ गंभीर चुनौतियों से गुजर रहा है। देश-विदेश में सिख पहचान संकट में है और सिख संस्थाओं को कमजोर करने के लिए विरोधी ताकतें सक्रिय हैं। ऐसे नाजुक समय में, जब पंथक शक्ति को मजबूत करने की आवश्यकता है, तो जत्थेदार साहिब ऐसे हालात पैदा कर रहे हैं, जिससे पंथक शक्ति बिखर रही हैं।

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(Udaipur Kiran) शर्मा

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