Gujarat

एसजीसीसीआई ने टेक्सटाइल मशीनरी पर क्यूसीओ हटाने की मांग की

नई दिल्ली में केन्द्रीय हेवी इंडस्ट्रीज मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी से मुलाकात करते चेम्बर के प्रतिनिधि।

-केन्द्रीय मंत्री से मिलकर चेम्बर प्रतिनिधियों ने सौंपा ज्ञापन

सूरत, 25 मई (Udaipur Kiran) । दी दक्षिण गुजरात चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के वाइस प्रेसिडेंट इलेक्ट अशोक जीरावाला, पूर्व अध्यक्ष आशीष गुजराती एवं अन्य औद्योगिक संगठनों ने हाल ही में नई दिल्ली में केन्द्रीय हेवी इंडस्ट्रीज मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी और संयुक्त सचिव विजय मित्तल को टेक्सटाइल मशीनरी से क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर (क्यूसीओ) हटाने के लिए मांग के संबंध में ज्ञापन सौंपा है। चैंबर ऑफ कॉमर्स के साथ-साथ फिक्की, एसोचेम, गुजरात चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री तथा अरविंद मिल के प्रतिनिधियों ने भी टेक्सटाइल मशीनरी से क्यूसीओ हटाने की मांग की।

एसजीसीसीआई के प्रतिनिधियों ने बताया कि वर्तमान में टेक्सटाइल मार्केट का आकार 165 बिलियन डॉलर है, जो वर्ष 2030 तक 350 बिलियन डॉलर तक पहुंचना है, इसके लिए 4 लाख 50 हजार हाई स्पीड वीविंग मशीनों की आवश्यकता होगी। मशीनरी में 15 बिलियन डॉलर का निवेश जरूरी है। इसलिए चैंबर ऑफ कॉमर्स ने ऐसी टेक्सटाइल मशीनरी की सूची, जो भारत में निर्मित नहीं होती, भारत के हेवी इंडस्ट्रीज मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी और संयुक्त सचिव विजय मित्तल को सौंपी। चैंबर ने मंत्री से अनुरोध किया कि उपयोगकर्ता उद्योग को परामर्श में लेकर टेक्सटाइल मशीनरी पर क्यूसीओ संबंधी पुनर्विचार किया जाए।

चैंबर के वाइस प्रेसिडेंट इलेक्ट अशोक जीरावाला ने यह भी बताया कि एम्ब्रॉयडरी उद्योग में एक यूनिट के पास चार से पांच एम्ब्रॉयडरी मशीनें होती हैं। हर दो-तीन वर्षों में एम्ब्रॉयडरी में नई तकनीक आती है, जिसके कारण पुरानी मशीनें बदलनी पड़ती हैं, लेकिन ये मशीनें भी भारत में नहीं बनती, इसलिए इनके लिए भी आयात पर निर्भर रहना पड़ता है। इसी कारण एम्ब्रॉयडरी मशीनरी से भी क्यूसीओ हटाने की मांग की गई।

जीसीसीआई के प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि उद्यमियों ने हाल ही में लेटर ऑफ क्रेडिट खोलकर वीविंग और एम्ब्रॉयडरी मशीनें बुक करवाई हैं। यदि मशीनों की डिलीवरी 28 अगस्त 2025 के बाद होगी तो उद्यमियों की पूंजी फंसी रहेगी और मशीनें पोर्ट पर क्लीयर भी नहीं होंगी। एक तरफ उद्यमियों की पूंजी फंसी रहेगी, वहीं बैंक नए वीविंग प्रोजेक्ट को फाइनेंस नहीं दे रहे क्योंकि आधुनिक वीविंग मशीनरी भी आयात करनी पड़ती है। इसलिए उपयोगकर्ता उद्योग के साथ टेक्सटाइल मशीनरी पर क्यूसीओ के संदर्भ में पुनः चर्चा करने की मांग की गई।

केन्द्रीय हेवी इंडस्ट्रीज मंत्री एवं संयुक्त सचिव ने उद्यमियों की मांग पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भारत के टेक्सटाइल मंत्रालय द्वारा उपयोगकर्ता उद्योग की राय ली जाएगी और उसके बाद इस मामले में आगे का निर्णय लिया जाएगा।

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(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय

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