

15लाख रुपये का धनिया व 5लाख 38 हजार नगद बरामद
गाजियाबाद, 27 मई (Udaipur Kiran) । क्राइम ब्रान्च पुलिस ने मंगलवार को ट्रान्सपोर्टरों से धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए दो शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है। दोनों ही बदमाश अन्तर्राज्यीय स्तर के बदमाश हैं। उनके कब्जे से कब्जे से टधनिया से भरा ट्रक जिसमें भरे हुए 366 बोरे तथा (कीमत करीब 15 लाख रु.) व लाख 38हजार रुपये नगद बरामद बरामद हुए हैं। ट्रक में लदे बोरों की कीमत करीब 15 लाख रुपये है।
एडीसीपी क्राइम पीयूष सिंह ने बताया कि दो मई को रामगंजमण्डी जनपद कोटा राजस्थान के शिवभगवान अग्रवाल ने सांवलिया ट्रेडिंग कम्पनी के माध्यम से अपना 30,150 किलोग्राम धनिया जिसकी कीमत करीब 27,38,549 रुपये थी, को शीतल ट्रांसपोर्ट कंपनी के माध्यम से ट्रक संख्या- आरजे 27 जी0सी0 5566 मे लोड करवाकर गुवाहाटी असम के लिए भेजा गया था। परन्तु ट्रक माल को लेकर गुवाहाटी असम नही पहुंचा। इस पर शिवभगवान अग्रवाल ने ट्रक ड्राइवर व उसके मालिकान द्वारा अपना माल गायब करने के सम्बन्ध में थाना रामगंज मण्डी कोटा में 18 मई को अभियोग पंजीकृत कराया । अभियोग की विवचना के दौरान पुलिस को पता चला कि इस ट्रक पर फर्जी नम्बर प्लेट लगी थी तथा इस ट्रक के गाजियाबाद तक आने की जानकारी हुई। इस पर राजस्थान पुलिस द्वारा क्राइम ब्रान्च गाजियाबाद को अभियोग के बावत सूचना देते हुए बताया गया कि ट्रक जिस पर फर्जी नम्बर प्लेट लगी थी गाजियाबाद के पास तक जाने की जानकारी मिली है।
सूचना पर तस्वाट टीम, क्राइम ब्रान्च गाजियाबाद ने इलेक्ट्राॅनिक सर्विलांस, सीसीटीवी फुटेज व लोकल मुखबिर तंत्र को सक्रिय करते हुए ट्रक के बारे मे जानकारी की । मंगलवार बल को ट्रक जिस पर एचपी 38 एच 0357 की नम्बर प्लेट लगी थी, को थानाक्षेत्र मधुबन बापूधाम से बरामद किया। साथ ही दो बदमाशों अवनीश त्यागी व कपिल त्यागी को गिरफ्तार किया।
पूछताछ में अवनीश त्यागी ने बताया कि वह एमए तक पढ़ा हुआ है। पढ़ाई के बाद उसने रघुवीर ट्रेडिंग कम्पनी के नाम से एक फर्म बनाई थी जो वर्ष 2019 में बन्द हो गयी थी। उसके बाद उसने एक ट्रक ऑल इण्डिया परमिट का अपने नाम से खरीद लिया। जिसको अलग-अलग ट्रान्सपोर्टरों से सम्पर्क कर उनका माल भेजने कर किराया लेने लगा लेकिन उसमें ज्यादा फायदा नहीं हो रहा था । इसी बीच अवनीश की मुलाकात भगवानपुर राजस्थान के रहने वाले हरीश नाम के ट्रक ड्राइवर से हुई जो इसका ट्रक चलाने लगा । दोनों ने मिलकर यह प्लान बनाया कि गाड़ी का नम्बर व अपना नाम बदलकर दूर-दराज के ट्रान्सपोर्टरों से माल लोड करेंगे और उस माल को गन्तव्य स्थान पर न पहुंचाकर कहीं और बेच देंगे तथा अपना फोन व नम्बर बदल देंगे जिससे कोई इनको तलाश न कर सके । इससे पहले भी यह लोग ये काम कर चुके हैं। कपिल त्यागी ने बताया कि उसने 10वीं पास करने के बाद पढ़ाई छोड दी और खेती करनी शुरू कर दी और खेती करने के साथ-साथ बैजनाथपुर शुगर मिल जनपद-बुलन्दशहर में नौकरी करता था, जिसमें 14हजार रुपये मिलते थे । जो काफी कम थे, इसी बीच इसकी मुलाकात हरीश ड्राइवर से हुई और यह उसके साथ ड्राइविंग करने लगा।
(Udaipur Kiran) / फरमान अली
