HimachalPradesh

अनुवर्ती कार्यक्रम के तहत पात्र युवतियों को बांटी सिलाई मशीनें, स्वरोजगार से आत्मनिर्भरता की दिखाई राह

कलयाणकारी एवं प्रोत्साहन योजना के तहत सामग्री वितरण

मंडी, 09 जून (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश सरकार वंचित वर्गों के सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कल्याणकारी व प्रोत्साहन योजनाएं चला रही है। इनमें से एक अनुवर्ती कार्यक्रम योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के पात्र लाभार्थियों को आजीविका कमाने के लिए सिलाई मशीन व उपकरण-औजार हेतु आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है, ताकि वे घर बैठे उपयोगी कार्य कर अपनी आय बढ़ा सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।यह पहल विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के लिए लाभकारी है, जो पारंपरिक कौशल जैसे सिलाई-कढ़ाई इत्यादि में निपुण हैं।

उपमंडल पधर के तहसील कल्याण कार्यालय के माध्यम से प्रदेश सरकार द्वारा अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की 12 महिलाओं को योजना के तहत हाल ही में सिलाई मशीनें बांटी गईं। इसमें प्रदेश सरकार द्वारा प्रति सिलाई मशीन पर 1800 रूपए की सब्सिडी दी जा रही है। सरकार के निरंतर प्रोत्साहन से युवतियां भी अब सिलाई-कढ़ाई के कार्य में रूचि दिखा रही हैं।

गांव कथोग की युवती सोनिया और बथेरी क्षेत्र की उपासना ने बताया कि उन्हें प्रदेश सरकार द्वारा तहसील कल्याण कार्यालय में अनुवर्ती कार्यक्रम के तहत सिलाई मशीनें प्रदान की गई हैं। इससे अब वह घर में ही सिलाई-कढ़ाई का कार्य कर सकती हैं और अपनी आय में वृद्धि कर सकेंगी। उन्होंने इसके लिए प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुख का आभार व्यक्त किया है। सेरी गांव के गुलाब सिंह ने बताया कि उनकी बेटी कृष्णा कुमारी को भी सिलाई मशीन प्राप्त हुई है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सरकार की यह एक बहुत अच्छी योजना है।

तहसील कल्याण अधिकारी पध, चंदन वीर सिंह ने बताया कि उपमंडल में अनुवर्ती कार्यक्रम योजना के तहत प्रदेश सरकार द्वारा पात्र महिलाओंको 12 सिलाई मशीनें बांटने पर प्रति सिलाई मशीन 1800 रूपए की दर से कुल 21,600 रुपए का उपदान लाभार्थी महिलाओं को प्रदान किया गया।

उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए प्रार्थी हिमाचल प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए। समस्त साधनों से उसके परिवार की वार्षिक आय 50 हजार रूपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।

(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

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