नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) सभा के सातवें सत्र के पूर्वालोकन सम्मेलन के दौरान विभिन्न 60 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बुधवार को नई दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री तथा आईएसए असेंबली के अध्यक्ष प्रह्लाद जोशी ने संबोधित किया। उन्होंने बताया कि भारत गणराज्य की अध्यक्षता और फ्रांस गणराज्य की सह-अध्यक्षता में आईएसए सभा का सातवां सत्र भारत मंडपम, नई दिल्ली में 03 से 06 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा। 120 सदस्य, संभावित देशों, साझेदार संगठनों, निजी क्षेत्र और प्रमुख हितधारकों के मंत्री, मिशन प्रमुख और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी इसमें भाग लेंगे।
प्रह्लाद जोशी ने कहा कि आईएसए वैश्विक सौर सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में विकसित हुआ है, जिसमें अब 120 सदस्य एवं हस्ताक्षरकर्ता देश शामिल हैं। यह बढ़ती प्रतिबद्धता हमारी साझा ऊर्जा पहुंच चुनौतियों तथा जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को संबोधित करने में सौर ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका को प्रदर्शित करती है। सौर ऊर्जा को अपनाने में आईएसए के सदस्य देशों द्वारा की गई प्रगति उल्लेखनीय है। सौर ऊर्जा, जो वर्षभर उपलब्ध रहती है तथा हमारे कुछ सदस्य देशों में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, वैश्विक जलवायु कार्रवाई के क्षेत्र में गेम-चेंजर बनने की क्षमता रखती है। स्वच्छ, विश्वसनीय, निःशुल्क तथा सभी के लिए आसानी से सुलभ होने की इसकी विशेषताएं इसे सार्वभौमिक ऊर्जा पहुंच प्राप्त करने के लिए केंद्रीय बनाती हैं। आईएसए के माध्यम से हमारे प्रयास सौर अवसंरचना का विस्तार करने, हरित रोजगार सृजित करने, आजीविका का समर्थन करने तथा जलवायु प्रभावों को कम करने पर केंद्रित हैं।
सरकार के एमएनआरई के संयुक्त सचिव अजय यादव ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि निवेश, बुनियादी ढांचा और स्वदेशीकरण की
चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए इस क्षेत्र के विस्तार का समर्थन करने के लिए लक्षित प्रयासों की आवश्यकता है। आईएसए के महानिदेशक
डॉ. अजय माथुर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन बदलाव की एक ताकत है। यह सौर वित्त, प्रौद्योगिकियों, नवाचार, अनुसंधान और विकास और क्षमता निर्माण की मांग को सुसंगत और समेकित करता है।
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(Udaipur Kiran) / बिरंचि सिंह