RAJASTHAN

आपसी रंजिश में ऑटो की टक्कर मारने के मामले में अभियुक्त को सात साल का कठोर कारावास 

चित्तौड़गढ़ न्यायालय ने जान लेवा हमले के मामले में अभियुक्त को सजा सुनाई।

चित्तौड़गढ़, 5 दिसंबर (Udaipur Kiran) । आपसी रंजिश में जानबूझ ऑटो से टक्कर मार मानव हत्या का प्रयास कर गंभीर चोटिल करने वाले अभियुक्त को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश क्रमांक-2 चित्तौड़गढ़ विनोद कुमार बैरवा ने मानव हत्या का प्रयास करने का दोषी पाया। अभियुक्त को सात साल की कठोर सजा व 85 हजार रुपए के जुर्माने दंडित किया है।

अपर लोक अभियोजक संख्या- 2, चित्तौड़गढ़ अब्दुल सत्तार खान ने बताया कि 17 सितम्बर 2020 को प्रार्थी जिले गंगरार थाना क्षेत्र में आने वाले एरा गांव निवासी पुखराज सिंह पुत्र भंवरसिंह हाडा निवासी ने लिखित रिपोर्ट थाना गंगरार पर दी। इसमें बताया कि 6 सितंबर 2020 को रात्रि को करीब 9 वह अपने घर के बाहर बैठा हुआ था। इसी समय अभियुक्त गांव में ही रहने वाला कैलाश दरोगा अपना ऑटो लेकर लेकर आया। प्रार्थी घर के बाहर बिना किसी कारण के गाली गलौज करने लगा और पत्थर फेंकने लगा। इस पर प्रार्थी अपने घर के अंदर चला गया। इसी समय गांव के सांवरिया पारीक, भैरूसिंह, तेज सिंह व प्रार्थी के काका रतन सिंह हाडा ने बीच बचाव किया। अभियुक्त कैलाश दरोगा ने प्रार्थी को जान से मारने की धमकी दी थी। इसके थोड़ी देर बाद रतन सिंह उसके मकान के पास बनी सार्वजनिक टंकी से पानी लेने के लिए गया। पानी लेकर लौटते समय घात लगा कर बैठे अभियुक्त कैलाश ने अपने ऑटो से प्रार्थी रतनसिंह को जान से खत्म करने की नीयत से दो बार टक्कर मार दी। बाद में अभियुक्त मौके से फरार हो गया। घायल रतनसिंह के सिर पर गंभीर चोटे लगी। रक्त बहने पर उसे तुरंत परिवारजन व पड़ोसी चित्तौड़गढ़ सांवलिया चिकित्सालय ले गए जहां से घायल को उदयपुर रैफर कर दिया। उदयपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल में घायल रतन सिंह के सिर का ऑपरेशन किया गया और जहां कई दिनों तक घायल इलाजरत रहा। प्रार्थी को रिपोर्ट पर थाना गंगरार में अभियुक्त कैलाश दरोगा निवासी ऐरा के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान किया। अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायालय में चार्जशीट प्रस्तुत की गई। प्रकरण में अभियोजन की ओर से विचारण न्यायालय में कुल 9 गवाहों के बयान और 12 दस्तावेज प्रदर्शित करवाए। अभियोजन के चश्मदीद साक्षी और घायल रतनसिंह के साक्ष्य के अलावा मेडिकल करने वाले डॉक्टर ने घायल के सिर पर आई चोट को गंभीर होकर प्राण घातक माना। न्यायालय के पीठासीन अधिकारी ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अभियुक्त कैलाश दरोगा को धारा 307 आईपीसी में 7 वर्ष का कठोर कारावास 50 हजार रुपए अर्थदंड, धारा 325 आईपीसी में 3 वर्ष का कठोर कारावास व 25 हजार अर्थदंड, धारा 506 आईपीसी में 2 वर्ष का कठोर कारावास व 10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।

—————

(Udaipur Kiran) / अखिल

Most Popular

To Top