
बाड़मेर, 29 अगस्त (Udaipur Kiran) । अरुणाचल प्रदेश में शहीद हुए बाड़मेर के जवान नखत सिंह भाटी (34) का गुरुवार को सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया। पैतृक गांव हरसाणी से 500 मीटर दूर स्थित श्मशान घाट में दोपहर सवा दाे बजे सात साल के बेटे शौर्य ने उनको मुखाग्नि दी।
शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए बाड़मेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल, शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी, कलेक्टर निशांत जैन और एसपी नरेंद्र सिंह मीणा समेत हजारों लोग पहुंचे थे। गमगीन माहौल के बीच ‘नखत सिंह अमर रहे’ के नारे लगते रहे। पूरा इलाका देशभक्ति के नारों से गूंज रहा था। इससे पहले शहीद की पार्थिव देह गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे गांव हरसाणी पहुंची थी। शहीद के अंतिम दर्शन करने के बाद उनकी पत्नी प्रियंका कंवर की तबीयत बिगड़ गई। वहीं, भाई उम्मेद सिंह फूट-फूट कर रोने लगे।
27 अगस्त को अरुणाचल प्रदेश में ऑपरेशन अलर्ट के दौरान सेना के तीन जवान शहीद हो गए थे। इसमें बाड़मेर के हरसाणी गांव के रहने वाले हवलदार नखत सिंह भाटी भी शामिल थे। भाटी की शहादत की खबर मिलते ही गांव के बाजार बंद हो गए थे और मातम छा गया था। गुरुवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे हेलिकॉप्टर से पार्थिव देह को उतरलाई एयरबेस लाया गया था। यहां से आर्मी की टीम पार्थिव देह को जालीपा (बाड़मेर) मिलिट्री स्टेशन लेकर गई थी और फिर पैतृक गांव हरसाणी के लिए रवाना हुई थी। रास्ते में जगह-जगह भारत माता के जयकारे के साथ गाड़ी पर फूल बरसाए जा रहे थे। इनके काफिले में शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी भी शामिल थे। भाटी अप्रैल में एक महीने की छुट्टी लेकर बाड़मेर आए थे। इस दौरान उन्होंने अपने मकान की नींव भरवाई थी। सपना था कि खुद का मकान बनवाएंगे। ड्यूटी पर लौटने से पहले मां और पत्नी प्रियंका कंवर से कहा था कि अगली बार दो महीने की छुट्टी लेकर आऊंगा। घर बनवाऊंगा और छोटे भाई उम्मेद सिंह (24) की शादी करवाऊंगा, लेकिन सपने अधूरे रह गए। शहादत से पहले रात को पत्नी से फोन पर बात हुई थी। मंगलवार को दिनभर पत्नी ने फोन ट्राई किया, लेकिन फोन नहीं लगा। परिवार के सदस्यों को शहादत की जानकारी मिल चुकी थी, लेकिन उन्होंने प्रियंका (पत्नी) से छिपाए रखा था।
शहीद की पार्थिव देह को लेकर उनके पैतृक गांव हरसाणी जाती गाड़ी। इस दौरान लोग सैल्यूट कर रहे थे और नखत सिंह की शहादत को याद कर रहे थे। बाड़मेर में जालीपा मिलिट्री स्टेशन से पार्थिव देह लेकर गाड़ियां निकलीं तो भारत माता की जय के नारे गूंज उठे। हरसाणी तलाई स्थित श्मशान घाट में शहीद नखत सिंह भाटी को सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। भारतीय सेना के अधिकारी ने शहीद नखत सिंह के भाई उम्मेद सिंह को तिरंगा सौंपा। उम्मेद तिरंगा सिर पर लगाकर बिलखने लगे। शहीद के घर से करीब 500 मीटर दूर हरसाणी तलाई में श्मशान घाट में लोगों का हुजूम उमड़ गया। लोग शहीद को नम आंखों से विदाई दे रहे थे।
बाड़मेर जिला कलेक्टर निशांत जैन, एसपी नरेंद्र सिंह मीणा शहीद के घर पहुंचे। वहां पर शहीद के चचेरे भाई भोम सिंह, परिजन और शहीद के बच्चों से मुलाकात की।
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(Udaipur Kiran) / रोहित
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