RAJASTHAN

देश के पहले चीता प्रोजेक्ट में अब राजस्थान के सात जिले भी हाेंगे शामिल

मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव व मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा।

जयपुर/भोपाल, 30 अप्रैल (Udaipur Kiran) । चीता पुनर्वास को लेकर चल रहे ऐतिहासिक ‘चीता प्रोजेक्ट’ में अब राजस्थान की भी भागीदारी तय हो गई है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को जयपुर दौरे के दौरान यह बड़ी घोषणा की थी कि जल्द ही राजस्थान और मध्यप्रदेश मिलकर 17 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले एक विशाल चीता कॉरिडोर का निर्माण करेंगे। इस परियोजना को एशिया में अपनी तरह का पहला और अनूठा संरक्षण अभियान बताया जा रहा है।

मुख्यमंत्री यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश में इस समय दो प्रमुख चीता अभयारण्य-कूनो नेशनल पार्क और गांधी सागर सेंचुरी पहले से ही सक्रिय हैं। अब इस प्रोजेक्ट में राजस्थान के सात जिलों को भी शामिल किया जाएगा। उन्होंने इसे वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम बताया। कूनो नेशनल पार्क (मध्यप्रदेश) से लेकर मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व (राजस्थान) होते हुए गांधी सागर सेंचुरी तक यह कॉरिडोर फैलेगा।

उत्तर प्रदेश के झांसी और ललितपुर जिलों का वन क्षेत्र भी इस कॉरिडोर में शामिल हो सकता है।

कॉरिडोर के भीतर चीते खुले में स्वच्छंद रूप से विचरण कर सकेंगे, जिससे उनके प्राकृतिक आवास और व्यवहार को अनुकूल माहौल मिलेगा।

इस कॉरिडोर के निर्माण से न केवल चीतों को एक बड़ा और सुरक्षित आवास मिलेगा, बल्कि यह इकोटूरिज्म, स्थानीय रोजगार, और वन्यजीव शोध के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगा।

यह प्रोजेक्ट राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) और भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून की देखरेख में संचालित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि “चीता प्रोजेक्ट हमारे लिए गर्व की बात है, क्योंकि यह दिखाता है कि चीता भारत की ज़मीन पर एक बार फिर सर्वाइव कर रहा है। यह दुनिया के सबसे सफल वन्यजीव पुनर्वास परियोजनाओं में से एक बन सकता है।

जयपुर में मुख्यमंत्री मोहन यादव और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मुलाकात के दौरान इस परियोजना को लेकर सकारात्मक चर्चा हुई है।

—————

(Udaipur Kiran) / रोहित

Most Popular

To Top