बीकानेर, 16 दिसंबर (Udaipur Kiran) । स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में वैज्ञानिक तरीके से भेड़ और बकरी पालन पर आयोजित सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सोमवार को समापन हुआ। समापन समारोह मानव संसाधन विकास निदेशालय सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से आए 55 प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय (एमजीएसयू) के कुलपति एवं राजुवास के कार्यवाहक कुलपति डॉ. मनोज दीक्षित थे, जबकि विशिष्ट अतिथि चंद्रशेखर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, कानपुर के डीन प्रो. वेद प्रकाश श्रीवास्तव थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजुवास के कुलपति डॉ. अरुण कुमार ने की।
डॉ. मनोज दीक्षित ने कहा कि बीकानेर अपनी उच्च गुणवत्ता की ऊन के लिए विश्वविख्यात था, लेकिन चारे की गुणवत्ता में गिरावट के कारण ऊन की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है। उन्होंने इस समस्या के समाधान के लिए चारे की गुणवत्ता पर रिसर्च की आवश्यकता पर बल दिया।
राजुवास के कुलपति डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि चारे की गुणवत्ता में सुधार के लिए एसकेआरयू और राजुवास मिलकर काम करेंगे। इसके लिए जल्द ही एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया जाएगा। उन्होंने प्रतिभागियों को आत्मनिर्भर बनने और भेड़-बकरी पालन को उन्नत स्तर पर ले जाने की प्रेरणा दी।
प्रशिक्षण में शामिल प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए। सरोज, बीटेक इंजीनियर संदीप सिहाग और शिवराम सोलंकी ने बताया कि उन्हें भेड़ और बकरी पालन की उन्नत तकनीकों का ज्ञान प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम का आयोजन कृषि महाविद्यालय बीकानेर के पशुधन उत्पादन एवं प्रबंधन विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। आयोजनकर्ता एवं पशुधन उत्पादन विभागाध्यक्ष डॉ. निर्मल सिंह दहिया ने बताया कि फरवरी में एक और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। उन्होंने प्रतिभागियों को बकरी पालन को प्राथमिकता देने की सलाह दी, क्योंकि यह कम लागत में अधिक लाभकारी है।
कार्यक्रम में सीएसयूटी के डीन प्रो. वेद प्रकाश श्रीवास्तव, वित्त नियंत्रक राजेंद्र कुमार खत्री, प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. पी.एस. शेखावत सहित अन्य वैज्ञानिक और प्रशिक्षक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुशील कुमार ने किया।
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(Udaipur Kiran) / राजीव