बलरामपुर, 26 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में कूटरचित दस्तावेजों को तैयार कर जिओ टैग करने वाले कर्मचारियों सहित सात लोगों को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया है।
पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने शनिवार को मामले का खुलासा करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में फर्जी तरीके से जियो टैग कर कर्मचारी अपात्रों को लाभ पहुंचा रहे थे। इसको लेकर क्रियेटिव कन्सोर्टियम कीर्ति नगर नई दिल्ली के वादी मुकदमा नीरज कुमार सिंह ने उतरौला कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया था।
इसमें पाया गया कि प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में संस्था के कर्मचारियों ने अर्द्धनिर्मित मकानों के स्थान पर पूर्व से निर्मित मकानों पर फर्जी जियो टैग करते हुए कूटरचित अभिलेख तैयार कर सरकारी धन का दुरूपयोग किया गया है। जिसकी गहन विवेचना की गई। मामले में संलिप्त पाए गए चार अभियुक्तों को कोतवाली बलरामपुर नगर पुलिस और तीन लोगों को उतरौला की थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर 48 घण्टे के अंदर गिरफ्तार कर लिया।
जो अभियुक्त गिरफ्तार किये गए है उनमें कार्तिक मोदनवाल, विजय कुमार यादव ,मो. वशीक और मो. समीर है। अभियुक्त कार्तिक मोदनवाल व विजय कुमार यादव संस्था में जियो टैग डाटा का सत्यापन का कार्य करते थे। इन लोगों ने मिलीभगत करके लाभार्थियों के आवास की गलत तरीके से अर्द्धनिर्मित मकानों के स्थान पर पूर्व से निर्मित मकानों की जियो टैगिंग करके लाभार्थी अभियुक्त मो. वशीक और मो. समीर को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। अभिलेखो में कूटरचना करके भुगतान कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है।
उतरौला पुलिस ने जिन तीनों लोगों को पकड़ा है उनमें लखनऊ निवासी अनिमेश तिवारी, उतरौला के आर्यनगर निवासी राहुल और रोहित सिंह है। अभियुक्त अनिमेश तिवारी ने लाभार्थियों के आवास की गलत तरीके से अर्द्धनिर्मित मकानों के स्थान पर पूर्व से निर्मित मकानों की जियो टैगिंग करके लाभार्थी अभियुक्त राहुल व रोहित सिंह को अनुचित लाभ पहुंचाते हुए सरकारी धन का दुरुपयोग किया है।
(Udaipur Kiran) / प्रभाकर कसौधन