
देहरादून, 22 अप्रैल (Udaipur Kiran) । भू-बैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खुलने हैं। मंगलवार को नरेन्द्रनगर स्थित राजदरबार से कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बदरीनाथ धाम में अखंड ज्योत के लिए हर साल राजदरबार में तिल का तेल निकाला जाता है और उसके बाद गाडू घड़ा बदरीनाथ के लिए रवाना किया जाता है।
मंगलवार सुबह नरेन्द्रनगर स्थित राजमहल में टिहरी की सांसद व महारानी राज्य लक्ष्मी शाह की मौजूदगी में पूजा-अर्चना के बाद सुहागिन महिलाओं ने पीले वस्त्र पहनकर तेल की पिरोई शुरू की। परंपरागत रूप से सिलबट्टे व ओखली में तेल की पिरोई की जाती है। इसमें मशीन का उपयोग नहीं किया जाता है। आज तिल की पिरोई पूरी होने के बाद तेल को गाडू घड़े में भरा जाएगा और उसके बाद गाडू घड़ा (तेल कलश) यात्रा बदरीनाथ के लिए रवाना होगी।
इस अवसर पर टिहरी सांसद व महारानी राज्य लक्ष्मी शाह ने कहा कि राजदरबार इस परंपरा को हमेशा से पूरी श्रद्धा के साथ निभाता है। उन्होंने श्रद्धालुओं को बदरीनाथ धाम आने का भी निमंत्रण दिया।
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(Udaipur Kiran) / Vinod Pokhriyal
