– सितंबर में मेनबोर्ड के 12 और एसएमई सेगमेंट के 39 आईपीओ लॉन्च
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । घरेलू शेयर बाजार में आईपीओ लॉन्चिंग के मामले में सितंबर एक रिकॉर्ड तोड़ महीना साबित हुआ है। इस महीने 51 आईपीओ के जरिए 12,500 करोड़ रुपये से भी अधिक की राशि जुटाई गई, जो एक रिकॉर्ड है। आईपीओ की ताबड़तोड़ लॉन्चिंग में मेनबोर्ड सेगमेंट के 12 पब्लिक इश्यू सितंबर के महीने में आए। ये साल 2024 के किसी एक महीने में मेनबोर्ड सेगमेंट में आए आईपीओ का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार मेनबोर्ड सेगमेंट के 12 आईपीओ के जरिए 11,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई गई। मेनबोर्ड सेगमेंट के अलावा सितंबर के महीने में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के एसमएमई सेगमेंट के 39 आईपीओ की लांचिंग हुई। इस तरह एसएमई आईपीओ के मामले में सितंबर का महीना पिछले 10 वर्षों का सबसे एक्टिव महीना बन गया। सितंबर में लॉन्च हुए इन 39 आईपीओ के जरिए 1,540 करोड़ रुपये से अधिक की रकम जुटाई गई। इस तरह सितंबर के महीने में मेनबोर्ड और एसएमई सेगमेंट को मिलाकर 51 आईपीओ के जरिए कुल 12,540 करोड़ रुपये से अधिक की राशि कलेक्ट हुई।
सितंबर का महीना आईपीओ लाने के लिए मार्केट रेगुलेटर के पास की जाने वाली ड्राफ्ट फाइलिंग के मामले में भी नए रिकॉर्ड बनाता नजर आया। सितंबर के महीने में 40 कंपनियों ने मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के पास आईपीओ लाने के लिए डॉक्यूमेंट जमा कराया। इतना ही नहीं सितंबर खत्म होने के अगले ही दिन 1 अक्टूबर को भी आधा दर्जन कंपनियों ने ड्राफ्ट फाइलिंग की।
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि घरेलू शेयर बाजार में आई जोरदार तेजी के कारण देश में आईपीओ की लहर बनी है। बाजार में यदा कदा लगने वाले झटकों की बात को छोड़ दिया जाए, तो आमतौर पर इस साल घरेलू शेयर बाजार की रफ्तार लगातार तेज बनी रही है। इस साल आईपीओ का एवरेज रिटर्न और इनवेस्टर्स रिस्पॉन्स भी जोरदार रहा है। यही कारण है कि मार्केट एनालिस्ट मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में भी आईपीओ लांचिंग की गति जारी रहने की उम्मीद जता रहे हैं।
आईपीओ लॉन्चिंग में आई तेजी को देखते हुए कुछ मार्केट एक्सपर्ट्स छोटे निवेशकों को सतर्क रहने की भी सलाह दे रहे हैं। धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी का कहना है कि प्राइमरी मार्केट में आईपीओ लॉन्चिंग के लिहाज से पिछले दो दशक के दौरान 2004 को सबसे अधिक एक्टिव साल माना जा सकता है। मजबूत लिक्विडिटी और खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी के कारण प्राइमरी मार्केट में लांच होने वाले कई आईपीओ को जबरदस्त ओवर सब्सक्रिप्शन मिल रहा है। इसकी वजह से आईपीओ मार्केट में उन्माद की स्थिति बन गई है। कम समय में बड़ी कमाई करने के लालच में निवेशकों का एक बड़ा वर्ग आईपीओ में पैसे लग रहा है। ऐसी स्थिति में जब भी आईपीओ मार्केट का बुलबुला फूटेगा, तब बाजार को भी जोरदार झटका लगेगा। प्रशांत धामी का कहना है कि ऐसी स्थिति से बड़े निवेशकों के लिए उबरना ज्यादा कठिन नहीं होगा लेकिन छोटे और खुदरा निवेशकों को इस स्थिति में जोरदार नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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(Udaipur Kiran) / योगिता पाठक