RAJASTHAN

नेशनल हेराल्ड मामले पर बोले पूनिया: कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को बनाया जा रहा निशाना

लोकसभा सांसद तनुज पूनिया

जोधपुर, 21 अप्रैल (Udaipur Kiran) । कांग्रेस नेता एवं बाराबंकी लोकसभा क्षेत्र के सांसद तनुज पूनिया ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का दुरुपयोग कर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं—सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित कई अन्य नेताओं—को निशाना बना रही है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई केवल राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से की जा रही है।

पूनिया ने बताया कि वर्ष 1935 में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जनता की आवाज़ बनने के उद्देश्य से नेशनल हेराल्ड की स्थापना की गई थी। इसका गठन न लाभ, न हानि के सिद्धांत पर किया गया था। जोधपुर प्रवास के दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि जिन छह संपत्तियों का उल्लेख किया जा रहा है, उनमें से पांच ऐसी हैं जिन्हें बेचा ही नहीं जा सकता।

उन्होंने कहा कि अगस्त 2015 में इन संपत्तियों से जुड़ी गतिविधियां बंद कर दी गई थीं और उसी समय भाजपा सरकार द्वारा अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया गया था। उन्होंने सवाल उठाया कि भाजपा की सरकार पिछले 11 वर्षों से सत्ता में है, फिर भी अब तक इस मामले में चार्जशीट दाखिल नहीं की गई। उन्होंने कहा, अगर सरकार के पास सभी साक्ष्य थे, तो इसमें इतना समय क्यों लिया गया? चार्जशीट को सार्वजनिक क्यों नहीं किया जा रहा? पूनिया ने इस पूरे मामले को विपक्ष को बदनाम करने और जनता के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा, जो बाबा साहब आंबेडकर के नाम का सहारा लेती है, असल में संविधान को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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नेशनल हेराल्ड मामले पर बोले पूनिया: कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को बनाया जा रहा निशाना

लोकसभा सांसद तनुज पूनिया

जोधपुर, 21 अप्रैल (Udaipur Kiran) । कांग्रेस नेता एवं बाराबंकी लोकसभा क्षेत्र के सांसद तनुज पूनिया ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का दुरुपयोग कर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं—सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित कई अन्य नेताओं—को निशाना बना रही है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई केवल राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से की जा रही है।

पूनिया ने बताया कि वर्ष 1935 में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जनता की आवाज़ बनने के उद्देश्य से नेशनल हेराल्ड की स्थापना की गई थी। इसका गठन न लाभ, न हानि के सिद्धांत पर किया गया था। जोधपुर प्रवास के दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि जिन छह संपत्तियों का उल्लेख किया जा रहा है, उनमें से पांच ऐसी हैं जिन्हें बेचा ही नहीं जा सकता।

उन्होंने कहा कि अगस्त 2015 में इन संपत्तियों से जुड़ी गतिविधियां बंद कर दी गई थीं और उसी समय भाजपा सरकार द्वारा अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया गया था। उन्होंने सवाल उठाया कि भाजपा की सरकार पिछले 11 वर्षों से सत्ता में है, फिर भी अब तक इस मामले में चार्जशीट दाखिल नहीं की गई। उन्होंने कहा, अगर सरकार के पास सभी साक्ष्य थे, तो इसमें इतना समय क्यों लिया गया? चार्जशीट को सार्वजनिक क्यों नहीं किया जा रहा? पूनिया ने इस पूरे मामले को विपक्ष को बदनाम करने और जनता के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा, जो बाबा साहब आंबेडकर के नाम का सहारा लेती है, असल में संविधान को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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