Uttrakhand

राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के उपलक्ष्य में संगोष्ठी का आयोजन

गोष्ठी के दौरान

हरिद्वार, 28 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय के भेषज विज्ञान विभाग में राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के उपलक्ष्य में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ. राजीव करेले ने आयुर्वेद के मूल सिद्धांतों पर विस्तृत चर्चा की।

उन्होंने कहा कि आयुर्वेद ही विश्व की एकमात्र ऐसी चिकित्सा पद्धति है, जो रोगों का न सिर्फ उपचार करती है बल्कि व्यक्ति बीमार ही न पड़े इस तथ्य पर विशेष बल प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद आयु एवं वेद से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है ऐसा विज्ञान जो आयु को बढ़ाने एवं स्वस्थ रखने में सहायक है।

उन्होंने कहा कि आयुर्वेद वात, पित्त और कफ के सामंजस्य से रोगों का निदान करता है। रोग शरीर में तभी अभिव्यक्त होते हैं जब वात, पित्त और कफ का सामंजस्य बिगड़ जाता है।

इस अवसर पर ऋषिकुल राज्य फार्मेसी के जनरल मैनेजर डाॅ. दीपिका वर्मा ने कहा कि आज के समय में जीवनशैली बहुत ज्यादा अव्यवस्थित हो चुकी है, जिसके लिए विषाक्त भोजन, दूध, सब्जियां आदि जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद को अपनी रोजमर्रा के जीवन में शामिल करना चाहिए। समय से सोना समय से जागना एवं समय से भोजन करना चाहिए। दिनचर्या एवं ऋतुचर्या का पालन करना चाहिए, कहा कि आयुर्वेद की दवाओं का किसी आयुर्वेद के विद्वान के संरक्षण में ही लेनी चाहिए।

विभागाध्यक्ष डाॅ. विपिन कुमार ने कार्यक्रम का संचालन किया। विनोद नौटियाल, डा. कपिल कुमार गोयल एवं डा. अश्विनी कुमार ने समन्वय किया। इस कार्यक्रम में डाॅ. प्रिंस प्रशांत शर्मा, ओम प्रकाश जोशी, बलवंत सिंह रावत, रोशन लाल, मनन वर्मा मृदुल कांत शर्मा आदि का सहयोग रहा।

—————

(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

Most Popular

To Top