-देश के आर्थिक ढांचे की नींव मजबूत करने में रतन टाटा का अहम योगदानः सुरेश चौधरी
नारनाैल, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । नारनौल के बंसी सिंह पार्क में रविवार को रतन टाटा की याद में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में नारनौल व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुरेश चौधरी रहे जबकि अध्यक्षता सामाजिक कार्यकर्ता डा.आर.के. जांगड़ा ने की। इस मौके पर शहर की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों ने रतन टाटा की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया।
व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुरेश चौधरी ने रतन टाटा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश के आर्थिक ढांचे की नींव मजबूत करने में रतन टाटा का अहम योगदान रहा। उन्होंने कहा रतन टाटा ने नैतिक मूल्यों को जिंदगी में सबसे ऊपर रखने में उनकी सादगी और सिद्धांतवादी ईमानदारी की मिसाल के पथ पर चलते हुई राष्ट्र सेवाओं को सर्वोपरि रखा। लोगों की जरूरत और दैनिक जीवन को समझने के लिए टाटा ने विभिन्न रूपों में उनकी मदद की।
उन्होंने बताया कि प्रारंभ में, रतन टाटा को विभिन्न सहायक कंपनियों के प्रमुखों से मजबूत प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था। लेकिन अनके द्वारा टाटा समूह का कुशल नेतृत्व करते हुए, राजस्व 40 गुना से अधिक और लाभ 50 गुना से अधिक बढ़ गया। जब रतन टाटा ने कंपनी की कमान संभाली तो अधिकांश बिक्री कमोडिटी बिक्री थी, लेकिन उनके कार्यकाल के अंत तक, अधिकांश बिक्री ब्रांडों से हुई। उनके नेतृत्व में, टाटा टी ने टेटली का अधिग्रहण किया, टाटा मोटर्स ने जगुआर लैंड रोवर का अधिग्रहण किया और टाटा स्टील ने कोरस का अधिग्रहण किया। इन अधिग्रहणों ने टाटा को मुख्य रूप से भारत-केंद्रित समूह से एक वैश्विक व्यवसाय में बदल दिया, जिसका 65 प्रतिशत से अधिक राजस्व अंतरराष्ट्रीय परिचालन और बिक्री से आता था। रतन टाटा ने शक्ति को मजबूत करने के उद्देश्य से कई नीतियां लागू कीं, जिनमें सेवानिवृत्ति की आयु निर्धारित करना, सहायक कंपनियों को सीधे समूह कार्यालय में रिपोर्ट करना और सहायक कंपनियों को टाटा समूह ब्रांड के निर्माण में अपने मुनाफे का योगदान करने की आवश्यकता शामिल थी। रतन टाटा ने नवाचार को प्राथमिकता दी और युवा प्रतिभाओं को कई जिम्मेदारियाँ सौंपी। इस मौके पर शहर की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारीगण सहित अनेक प्रबुद्धजन मौजूद रहे।
(Udaipur Kiran) / श्याम सुंदर शुक्ला