मंडी, 03 जून (Udaipur Kiran) । माइंड ब्रेन कॉन्शसनेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन 4 से 7 जून के बीच आईआईटी मंडी में किया जाएगा। इस वार्षिक सम्मेलन का मूल उद्देश्य भारतीय ज्ञान प्रणाली को वैज्ञानिक रूप से समझना और उसे आधुनिक संदर्भों में लागू करना है। यह प्रणाली प्राचीन भारतीय ज्ञान को समकालीन अनुसंधान से जोड़ती है और इस संगोष्ठी में न्यूरोसाइंस, संज्ञानात्मक विज्ञान, मनोविज्ञान, भारतीय दर्शन तथा वेदान्तिक धर्मशास्त्र जैसे विविध क्षेत्रों के विशेषज्ञ भाग लेंगे।
इन विचार विमर्शों का महत्व केवल मानसिक स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है, यह पर्यावरण, कृषि,स्वास्थ्य सेवा,नवाचार और रचनात्मक नेतृत्व जैसे क्षेत्रों को भी गहराई से प्रभावित करेगा। सम्मेलन में आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर एक प्रेरणादायक वक्ता के रूप में शामिल होंगे। मुख्य वक्ताओं में प्रो.श्रीनिवास वरखेड़ी कुलपति, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, प्रो.गौतम देशराजू आईआईएससी,भारत के सबसे अधिक उद्धृत वैज्ञानिकों में से एक, प्रो. रूमियाना त्सेनकोवा कोबे विश्वविद्यालय, जापान, डॉ. बी. एन. गंगाधर चेयरमैन, नेशनल मेडिकल कमीशन एवं पूर्व निदेशक, निमहांस और भक्ति रसामृत स्वामी,एक भक्ति-वेदांती, शामिल होंगे।
इस सम्मेलन का आयोजन आईआईटी मंडी के इंडियन नॉलेज सिस्टम्स फॉर मेंटल हेल्थ एप्लीकेशनसेंटर द्वारा किया जा रहा है। विशेष पैनल चर्चाभारतीय ज्ञान प्रणाली और संज्ञानात्मक पदार्थ का विज्ञान तथा राष्ट्रीय परिवर्तन के लिए सभ्यतागत चेतना का पोषण जैसे विषयों पर वैश्विक विशेषज्ञों की उपस्थिति में होगी। कुछ विशेष सत्रों में प्रो. चयण नंदी चेतना के बायोमार्कर पर, डॉ.अमित सेठी मस्तिष्क की गतिकी और संज्ञान पर, तथा प्रो. अजय चतुर्वेदी अर्थव्यवस्था और सभ्यतागत बदलावों पर प्रणालीगत दृष्टिकोण साझा करेंगे।
एमबीसीसी 2025 की विशेषता इसकी परिणाम-उन्मुख संरचना है जहां निवेशक, न्यायाधीश, छात्र और नवोन्मेषक एक साथ मिलकर विचारों को क्रियान्वयन में बदलने के लिए प्रेरित होंगे। इस दौरान छात्रों द्वारा कुल्हड़ इकोनॉमी पर आधारित व्यवसाय योजनाएं प्रस्तुत की जाएंगी —एक नवीन उत्पादन-केंद्रित मॉडल जो भारतीय मूल्यों पर आधारित है।
मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मिधर बेहरा ने कहा एमबीसीसी 2025 हमारे उस संकल्प को दर्शाता है, जिसमें परंपरा और नवाचार मिलकर समाज को रूपांतरित करने वाले विचारों को जन्म देते हैं। यह सम्मेलन एक ऐसा मंच प्रदान करेगा जहाँ विद्वान, कार्यकर्ता और साधक समाजिक प्रभाव उत्पन्न करने वाली सहभागिता में शामिल होंगे। सम्मेलन की अध्यक्षता प्रो.लक्षमीधर बेहरा आईआईटी मंडी,डॉ.अनिर्बान चक्रवर्ती नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मैटेरियल साइंस, जापान और प्रो. गणपति रमणाथ रेन्सेलेर पॉलीटेक्निक इंस्टीट्यूट,यूएसए एवं उप्पसाला यूनिवर्सिटी, स्वीडन कर रहे हैं।
(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
