मधुबनी, 3 सितंबर (Udaipur Kiran) । मारवाड़ी कालेज में मंगलवार को ज्योतिषशास्त्र में ‘दरभंगा राज का अवदान’ विषयक व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित हुई। अवसर पर गणमान्य विशिष्ट विद्वानों ने वृहत ऐतिहासिक वर्णन प्रस्तुत किया।डाॅ कविता कुमारी ने विषय प्रवेश क्रम में कहा कि दरभंगा राज का ज्योतिषशास्त्र के संरक्षण-संवर्धन व उन्नयन में अमूल्य योगदान रहा।परम्परागत व वर्तमान परिप्रेक्ष्य में दरभंगा राज परिवार के सदस्यों ने विभिन्न शास्त्रीय विधाओं की रक्षार्थ तत्परता रहा।कार्यक्रम में आचार्य डा राघवन झा ने मंतव्य प्रस्तुत किया।
उन्हाेंने कहा कि खंडावाला राजवंश के दरभंगा राज के महाराजाओं ने वेद उपनिषद सहित संस्कृत विद्या व ज्योतिषशास्त्र को संरक्षण दिया। वर्तमान में राज दरभंगा के कुमार कपिलेश्वर सिंह इस बीच भी तेलांगना में कार्यक्रम में भाग लिया। संस्कृत विभाग, मारवाड़ी महाविद्यालय, दरभंगा द्वारा मंगलवार को ज्योतिषशास्त्र में दरभंगाराज का अवदान विषय पर एक सारगर्भित व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य दरभंगा राजवंश के ज्योतिषशास्त्रीय योगदानों को उद्घाटित करना बताया।कार्यक्रम संस्कृत विभागाध्यक्ष व संयोजक डॉ विकास सिंह ने दरभंगा राज के सांस्कृतिक और शैक्षणिक धरोहर में योगदान का उल्लेख किया। दरभंगा के महाराज कामेश्वर सिंह ने ज्योतिषशास्त्र के प्रति गहरी रुचि दिखाते हुए इसे व्यापक स्तर पर लोकप्रिय बनाया।
ज्योतिर्वेद विज्ञान पटना के डॉ राघव नाथ झा ने दरभंगा राज के सांस्कृतिक और शैक्षिक योगदान की सराहना की। कहा कि खंडावाला राजवंश के महाराजाओं ने संस्कृत विद्या और ज्योतिषशास्त्र को संरक्षण दिया।
राज परिवार विद्वानों को प्रोत्साहन देने और ज्योतिषशास्त्र पर महत्वपूर्ण ग्रंथ लिखवाने में सक्रिय भूमिका निभाया। प्रधानाचार्या डॉ कुमारी कविता ने दरभंगा राज के प्रयासों की प्रशंसा की व योगदान को अमूल्य बताया। कहा कि दरभंगा के महाराजाओं ने पंडितों और ज्योतिषाचार्यों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ ज्योतिषशास्त्र पर अनुसंधान को भी प्रोत्साहन दिया। मंच संचालक डॉ सुनीता कुमारी ने दरभंगा राज के योगदानों की विस्तृत चर्चा की। कार्यक्रम में डा अनुरुद्ध सिंह ,डा विनोद बैठा ने वक्तव्य प्रस्तुत किया। अवसर पर डा प्रिया नंदन, डा रवि कुमार राम, डा गजेन्द्र भारद्वाज, डा अनीता सिन्हा, डा नीरज कुमार तिवारी, शिवम, सोनू, आनंद शंकर, आयुष, सौरभ, आनंद, सीताराम सहनी, उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / लम्बोदर झा