कठुआ 24 जनवरी (Udaipur Kiran) । जिला स्तर पर आयोजित वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन पर दो दिवसीय सेमिनार सह जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य कृषि अधिकारी कठुआ संजीव राय गुप्ता और जिला कृषि अधिकारी (विस्तार) मुरारी लाल ने संयुक्त रूप से किया।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मधुमक्खी पालन क्षेत्र में वर्तमान स्थिति, उपलब्धियां और वैज्ञानिक तरीकों से मधुमक्खी पालन के प्रति जागरूकता फैलाना था। कार्यक्रम की शुरुआत में क्षेत्रीय विकास अधिकारी (सब्जियां) अशोक ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह सेमिनार जिले के सभी इच्छुक किसानों, उद्यमियों और मधुमक्खी पालकों के लिए समर्पित है। मुख्य अतिथि संजीव राय गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले तीन वर्षों में कठुआ जिले में मधु उत्पादन दोगुना होकर 758 क्विंटल तक पहुंच गया है, जोकि 2021-22 में 395 क्विंटल था। इससे 2024-25 में लगभग 2.45 करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न हुआ। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिले में 32 मधुमक्खी पालन इकाइयां संचालित हैं, जिनमें 6549 मधुमक्खी कॉलोनियां हैं और 227 मधुमक्खी पालक इससे जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि किसानों और मधुमक्खी पालकों को प्रेरित करने और विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के तहत सब्सिडी लाभ प्रदान करने के कारण ही संभव हो सकी। उन्होंने बताया कि मधु क्रांति पोर्टल पर 114 मधुमक्खी पालक पंजीकृत हैं, जो मधु विक्रेताओं और व्यापारियों के बीच एक सेतु का कार्य करता है। इसके अलावा, किसानों को सब्सिडी दर पर मधुमक्खी कॉलोनियां, हनी कलेक्शन एवं स्टोरेज सेंटर, सुविधा केंद्र, माइग्रेशन सुविधाएं, निर्माण और हनी एक्सट्रैक्शन यूनिट प्रदान की जा रही हैं।
कार्यक्रम में अमित कुमार (विषय विशेषज्ञ एसडीएल कठुआ) और पंकज जसरोटिया (एपिकल्चर डेवलपमेंट असिस्टेंट कठुआ) ने वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन के महत्व, उत्पादन, संग्रहण, पैकेजिंग, मूल्य संवर्धन और बिक्री पर अपने विचार प्रस्तुत किए। प्रगतिशील मधुमक्खी पालक सुरेश कुमार (ठंगर) और रेवा रानी (लाखड़ी) ने अपने अनुभव साझा करते हुए मधुमक्खी पालन के वैज्ञानिक तरीकों, माइग्रेशन तकनीक, हनी एक्सट्रैक्शन और विपणन के बारे में बताया। इस कार्यक्रम में 200 से अधिक मधुमक्खी पालकों और किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान प्रगतिशील मधुमक्खी पालकों को सम्मानित भी किया गया।
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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया