
सीहोर, 16 मई (Udaipur Kiran) । सीहोर जिले के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रकाश चन्द्र आर्य ने जिला न्यायालय सीहोर में चल रहे पांच साल पुराने एसिड अटैक के एक मामले में दो आरोपियों को 10-10 साल के श्रम कारावास की सजा सुनाई है और 60 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया।
मीडियो सेल प्रभारी केदार कौरव ने शुक्रवार को मामले की जानकारी देते हुए बताया कि फरियादी कुलदीप बैरागी ने श्रद्धा अस्पताल भोपाल में इस आशय की देहाती नालसी लेखबद्ध कराई कि 27 अगस्त 2020 को रात करीब 08:30 बजे दोराहा- अहमदपुर रोड, खाईखेडा स्थित दीपक ठाकुर ने अपनी दूध डेयरी के सामने गाली गलौंच की थी। उसकी दुकान के सामने फरियादी तथा उसके बडे पापा के लड़के गुरुचरण बैरागी, बब्लू, प्रदीप, बिन्दु तथा रामेश्वर मोगिया गए तो दीपक ठाकुर के पिता सुरेश ठाकुर को समझा रहे थे कि उनका लडका दीपक गाली क्यों बकता है। इतने में दीपक ठाकुर और उसका भाई राहुल मॉ- बहन की गंदी-गंदी गालिया देते हुए बोला कि समझाने आ गए। फरियादी बब्लू बैरागी एवं गुरूचरण बैरागी ने गाली देने से मना किया, तो दीपक ठाकुर ने दुकान से एसिड की भरी बॉटल से मारा, जिससे फरियादी के चाचा बब्लू के माथे पर चोंट लगी तथा सीधे हाथ एवं पेट पर सीधे तरफ एसिड गिरने से जलकर चोंट आई। फरियादी के चचरे भाई गुरुचरण बैरागी बचाने लगे तो राहुल ठाकुर ने एसिड की बॉटल से मारा, जिससे सिर से खून निकलने लगा और एसिड से आँख व चेहरे में जलकर चोंट आई। फरियादी, बिन्दु, प्रदीप एवं रामेश्वर बचाने लगे, तो राहुल एवं दीपक दोनों बॉटल में रखी एसिड डब्बे में भरकर फेंकने लगे जिससे फरियादी के माथे, गर्दन, बांयी, कलाई, दोनो पैर, जांच में जलकर चोंट आई तथा बिन्दु दांगी, प्रदीप एवं रामेश्वर को भी चेहरे, माथे, आँख, सीने व शरीर में जगह-जगह एसिड से जलने से चोंटे आई।
गोविन्द बैरागी, भूपेन्द्र बैरागी तथा पूर्व सरपंच बाबूलाल दांगी ने बीच-बचाव किया और घटना देखी। फरियादी के दादा गोविन्द बैरागी सभी आहतगत का प्रायवेट गाडी से इलाज कराने हेतु श्रद्धा अस्पताल, गांधी नगर भोपाल ले गए। घटना की देहाती नालसी रिपोर्ट पर से आरोपीगण दीपक ठाकुर व राहुल ठाकुर के विरूद्ध थाना अहमदपुर में अपराध पंजीबद्ध किया गया। पुलिस अनुसंधान पश्चात् अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन द्वारा कुल 15 साक्षीगणों का परीक्षण कराया गया एवं अभियोजन के समर्थन में लिखित तर्क न्याय दृष्टांतों के साथ प्रस्तुत किये गये, जिससे अभियोजन द्वारा यह भी प्रमाणित किया गया कि आरोपीगण के पास दूध डेयरी चलाने का कोई भी लायसेंस नहीं था और किसी प्रकार के केमिकल या एसिड, संकलित करने की कोई अनुमति प्राप्त नही थी, और ना ही उन्हें कोई संस्था द्वारा एसिड प्रदान किया गया था।
न्यायालय द्वारा अपने निर्णय में यह तथ्य भी प्रमाणित माना गया है कि अभियुक्तगण द्वारा जिस एसिड का उपयोग किया गया उसके उपयोग करते समय आरोपीगण को इस तथ्य का ज्ञान रखना भी प्रमाणित है, कि उनके द्वारा प्रयोग में लाये गये एसिड अर्थात अम्ल से स्थाई तथा आंशिक नुकसान या क्षति कारित हो सकती हैं, अंग विकार भी हो सकता है, विद्रूपण भी हो सकता है, क्योंकि एकल प्रहार नही है, एसिड कई बार फेंका गया है। न्यायालाय द्वारा आरोपीगण के स्वंय के बचाव में किये गये हमलें के तर्कों को अमान्य करते हुये आरोपीगण दीपक ठाकुर एवं राहुल ठाकुर को आरोपित धारा 326 – ए सहपठित धारा 34 भादवि में 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास एव प्रत्येक धारा में 5000-5000 रुपये (6 काउण्ट) कुल योग 60,000 रुपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रतिकर के रूप में आहतगण को 05–05 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई है। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी अनिल कुमार बादल द्वारा बताया कि एसिड अटैक के मामलें में धारा 326 – ए भादवि की सीहोर जिले की यह पहले दोषसिद्धी है।
(Udaipur Kiran) तोमर
