Uttar Pradesh

सामाजिक-र्थिक समृद्धि की नींव है माध्यमिक शिक्षा: मंत्री गुलाब देवी

माध्यमिक शिक्षा विभाग की बैठक को संबोधित करती मंत्री गुलाब देवी

लखनऊ, 11 अप्रैल (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए निर्धारित लक्ष्य की दिशा में माध्यमिक शिक्षा विभाग गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने, विद्यालयों के भौतिक एवं शैक्षिक स्तर पर सुधार और विद्यार्थियों को रोजगारपरक शिक्षा से जोड़ने के लिए ठोस कदम उठा रहा है।

इसी क्रम में शुक्रवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय लखनऊ में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। बैठक को संबोधित करते हुए माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने कहा कि प्रत्येक छात्र-छात्रा तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा केवल शैक्षिक दायित्व नहीं, बल्कि प्रदेश की सामाजिक और आर्थिक समृद्धि की नींव है। एक अप्रैल 2025 से नया शैक्षिक सत्र आरंभ हो चुका है। इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा के अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई, जिसमें शैक्षिक सत्र के निर्धारित किए गए लक्ष्यों को समयबद्ध पूरा करने की रूपरेखा तैयार की गईं।

माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने मंडलीय और जनपदीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि विद्यालय निरीक्षण और अनुश्रवण की प्रक्रिया गंभीरता से अपनाई जाए। मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक स्तर से साप्ताहिक व मासिक समीक्षा अनिवार्य रूप से की जाए, जिससे योजनाओं की प्रगति पर निरंतर नजर रखी जा सके। विद्यालयों में विशेष नामांकन अभियान चलाया जाए, ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थियों को स्कूल से जोड़ा जा सके। मंत्री ने यह भी निर्देशित किया कि कक्षा आठ उत्तीर्ण कर चुके किसी भी विद्यार्थी को माध्यमिक शिक्षा से वंचित न रहने दिया जाए, इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग से समन्वय सुनिश्चित किया जाए।

गुलाब देवी ने कहा कि राजकीय माध्यमिक विद्यालयों की अप्रयुक्त भूमि का उपयोग खेल के मैदान, मिनी स्टेडियम, बागवानी केंद्र, डिजिटल पुस्तकालय, कौशल विकास केंद्र, ऑडिटोरियम तथा वेधशाला जैसे नवाचारयुक्त ढांचों के निर्माण के लिए किया जाएगा। इससे विद्यार्थियों को समग्र विकास के अवसर मिलेंगे। नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के 101 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना की जा चुकी है। शेष विद्यालयों में चरणबद्ध कार्य जारी है। साथ ही 578 विद्यालयों में आईसीटी लैब स्थापित कर विद्यार्थियों को डिजिटल साक्षरता से जोड़ा गया है।

माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को रोजगार के अनुकूल शिक्षा देने के लिए 635 विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा संचालित की जा रही है। प्रोजेक्ट प्रवीण के अंतर्गत 315 विद्यालयों को व्यावसायिक पाठ्यक्रमों से जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि राजकीय आईटीआई को स्किल हब के रूप में विकसित कर निकटवर्ती माध्यमिक विद्यालयों को जोड़ने की प्रक्रिया जारी है। गोरखपुर जिले में कौशल प्रयोगशालाओं का सुदृढ़ीकरण किया जा चुका है। तकनीकी शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए प्रदेश के 1236 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की स्थापना का कार्य जारी है। विज्ञान शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए प्रथम चरण में 303 विद्यालयों में विज्ञान प्रयोगशालाओं और द्वितीय चरण में 18 विद्यालयों में प्रयोगशालाओं का निर्माण किया जा रहा है। 488 विद्यालयों में पुस्तकालय कक्षों के निर्माण की योजना पर कार्य प्रगति पर है।

इस अवसर पर विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा के0के0 गुप्ता, उमेश चंद्र, महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा, निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ महेंद्र देव, अपर शिक्षा निदेशक सुरेंद्र कुमार तिवारी, सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद भगवती सिंह सहित समस्त मंडलों के संयुक्त शिक्षा निदेशक एवं उप शिक्षा निदेशक उपस्थित रहे।

————–

(Udaipur Kiran) / बृजनंदन

Most Popular

To Top