Madhya Pradesh

पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के निष्पादन का दूसरा ट्रायल जारी

यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के निष्पादन की प्रक्रिया का अवलोकन करते अधिकारी

– 33 घंटे में जलाया 5940 किग्रा जहरीला कचरा

इंदौर, 7 मार्च (Udaipur Kiran) । भोपाल गैस त्रासदी के बाद यूनियन कार्बाइड परिसर में 40 सालों से पड़े रासायनिक कचरे का निष्पादन पीथमपुर की री-सस्टेनेबिलिटी (पूर्व में रामकी) कंपनी के संयत्र में किया जा रहा है। उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार दूसरे चरण का ट्रायल रन जारी है। गुरुवार सुबह 11.06 बजे शुरू हुए इस दूसरे ट्रायल में शुक्रवार रात आठ बजे तक 33 घंटे में करीब 5940 किलोग्राम कचरा जलाया जा चुका है।

इंदौर संभागायुक्त दीपक सिंह ने बताया कि दूसरे चरण में प्रतिघंटे 180 किलोग्राम कचरे को जलाया जा रहा है। इसके साथ ही इतनी ही मात्रा चूना भी डाला जा रहा है। निष्पादन प्रक्रिया शनिवार शाम करीब छह बजे तक चलेगी। इसके साथ ही निगरानी के लिए आनलाइन कंटीन्यूअस इमीशन मानीटरिंग सिस्टम (ओसीईएमएस) संचालित है।

इससे पहले 28 फरवरी से तीन मार्च तक जहरीला कचरा जलाने का पहला ट्रायल किया था, जिसमें 10 टन कचरा जलाया जा चुका है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसके आंकड़े जारी करते हुए कहा है कि इस दौरान प्रदूषण का स्तर नियंत्रित रहा। कोई जहरीले गैस तय मानक से अधिक मात्रा में नहीं निकली। पीथमपुर बचाव समिति इस रिपोर्ट के विरोध में उतर आई है। शुक्रवार को समिति के अध्यक्ष हेमंत कुमार हिरोले ने आरोप लगाया कि कचरा जलाने का पहला चरण पूरी तरह से असफल रहा है।

हिरोले ने आरोप लगाया कि रिपोर्ट में पारे की मात्रा का उल्लेख ही नहीं किया गया है। पारे की कितनी मात्रा लैंडफील (जमीन में दबाना) की गई यह भी नहीं बताया। कचरा जलाने से निकली राख जमीन में दबाने योग्य है या नहीं इसकी भी कोई जांच नहीं की गई। ट्रायल की वीडियोग्राफी भी सार्वजनिक नहीं की गई। हिरोले ने आरोप लगाया कि धार कलेक्टर ने हाई कोर्ट में पीथमपुर के लोगों के झूठे शपथ पत्र प्रस्तुत किए हैं।

संभागायुक्त दीपक सिंह ने कहा था कि कचरा जलेगा तो वह मौके पर उपस्थित रहेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। सिर्फ छह टन कचरा जलाने पर इंसिनेटर का पट्टा टूटना, ड्रायर के मोटर पंप का बंद होना बताता है कि पहला ट्रायल पूरी तरह से असफल रहा है।

(Udaipur Kiran) तोमर

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