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मोरीगांव (असम), 17 जनवरी (Udaipur Kiran) । ऐतिहासिक गोभा देवराजा के जोनबील मेला का आज दूसरा दिन है। पहाड़ और मैदानी क्षेत्रों के सामुदायिक सौहार्द का संदेश लेकर मेले में शुक्रवार सुबह प्राचीन वस्तु-विनिमय प्रथा का आयोजन हुआ। इसका शुभारंभ मोरीगांव के विधायक रमाकांत देउरी ने किया।
प्राचीन परंपराओं से समृद्ध इस विनिमय प्रथा में कार्बी आंगलोंग और मेघालय से आए पर्वतीय समुदायों और मैदानी क्षेत्र के कृषिजीवियों ने भाग लिया। विनिमय हाट में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस अनोखी प्रथा को देखने के लिए राज्यभर से लोग पहुंचे। इस दौरान आधुनिक मुद्रा व्यवस्था स्थगित रही और प्रतिभागियों ने वस्तुओं का आदान-प्रदान किया।
पर्वतीय समुदायों ने अपने उत्पाद जैसे अदरक, हल्दी, लौकी, काली मिर्च आदि का विनिमय कर मैदानी क्षेत्रों के लोगों से चिउरा, पिठा, सूखी मछली आदि प्राप्त किए।
विनिमय प्रथा के बाद मेले में पारंपरिक कुक्कुट युद्ध का आयोजन हुआ। साथ ही जोनबील के किनारे सामूहिक मछली पकड़ने का कार्यक्रम भी हुआ, जिसमें सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। यह दृश्य प्राचीन परंपराओं और सामुदायिक आनंद का प्रतीक बन गया।
ज्ञात हो कि गुरुवार को तीन दिवसीय जोनबील मेला का शुभारंभ हुआ था। मेले में पहले दिन मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने हिस्सा लिया था। आगामी शनिवार को मेले का समापन होगा।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
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