
मुरादाबाद, 17 अप्रैल (Udaipur Kiran) । डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई कुंदरकी के अब्दुल्लापुर निवासी युवक की तलाश पुलिस ने तेज कर दी है।
बीते सप्ताह सीबीआई की गिरफ्त में आए साले-बहनोई ने पूछताछ में कबूला है कि वह अब्दुल्लापुर निवासी युवक के जरिये गिरोह के सम्पर्क में आए थे। दोनों आरोपित लोगों के बैंक खाते गिरोह को उपलब्ध कराते थे। पुलिस अधीक्षक देहात कुंवर आकाश सिंह ने बताया कि उपरोक्त मामले में प्रकाश में आए कुंदरकी निवासी आरोपित को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
संभल के लाडम सराय निवासी जींस कारोबारी विकास और उसके बहनोई मैनाठेर थाना क्षेत्र के महमूदपुर निवासी मेडिकल स्टोर संचालक राजपाल को सीबीआई ने दबोचा था। कुंदरकी निवासी इनका साथी टीम को चमका देकर भाग गया था। सूत्रों के मुताबिक, विकास के बहनोई राजपाल का दोस्त गाजियाबाद में रहकर नौकरी करता था। इसी दौरान वह डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने वाले गिरोह के सम्पर्क में आ गया। इसके बाद उसने राजपाल से सम्पर्क किया और राजपाल ने विकास से बात की। इसके बाद तीनों लोग अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर लोगों को तीन-चार हजार रुपये का लालच देकर उनके बैंक खाते ले लेते थे। इसके बाद इन खातों को डिजिटल अरेस्ट गिरोह तक पहुंचा देते थे।
इन खातों में ही साइबर ठगी व डिजिटल अरेस्ट के जरिये लोगों से रकम ट्रांसफर कराई जाती थी। दो वर्ष पहले विकास के खाते में 2.50 करोड़ रुपये आए थे। उस वक्त खाता सीज कर दिया गया था। बीती 8 अप्रैल की सुबह सीबीआई की टीम विकास के घर पहुंची थी। इसके बाद ही उसके बहनोई को पकड़ा गया था। वहीं दूसरी टीम ने कुंदरकी के अब्दुल्लापुर में छापा मारकर तीन लोगों को पकड़ा था, लेकिन पूछताछ के बाद सभी को छोड़ दिया था।
(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल
