Uttrakhand

उत्तराखंड : आपदा से जूझने के लिए एसडीआरएफ जवानों को मिला मानसिक शक्ति का प्रशिक्षण 

साइकोसोशल केयर और ट्रॉमा काउंसलिंग पर प्रशिक्षण कार्यक्रम में एसडीआरएफ जवान।

– ट्रॉमा काउंसलिंग से एसडीआरएफ जवानों को मिलेगा नए संकटों का सामना करने का आत्मविश्वास

– एसडीआरएफ जवानों का तीन दिवसीय साइकोसोशल केयर और ट्रॉमा काउंसलिंग प्रशिक्षण संपन्न

देहरादून, 12 दिसंबर (Udaipur Kiran) । एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) वाहिनी के मुख्यालय जॉलीग्रांट में इंडियन रेस्क्यू एकेडमी की ओर से आयोजित तीन दिवसीय साइकोसोशल केयर और ट्रॉमा काउंसलिंग पर प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इसमें एसडीआरएफ के 50 जवानों ने भाग लिया। इससे पूर्व 04 दिसंबर 2024 को एसडीआरएफ के पहले बैच के 50 कार्मिकों को इसी विषय पर प्रशिक्षण दिया गया था।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य एसडीआरएफ के जवानों को आपदा प्रबंधन के दौरान मानसिक तनाव और ट्रॉमा से निपटने के लिए सशक्त बनाना था। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान जवानों को कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है और इस प्रशिक्षण का फोकस उनके मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करना और उन्हें मानसिक आघात (ट्रॉमा) से बचाने की रणनीतियाँ सिखाना था।

एसडीआरएफ के सेनानायक अर्पण यदुवंशी ने प्रशिक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एसडीआरएफ के जवान अक्सर विषम परिस्थितियों का सामना करते हैं। ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम उन्हें मानसिक रूप से सशक्त बनाते हैं, जिससे वे आपदा प्रभावित व्यक्तियों को मानसिक सहारा प्रदान करने में सक्षम होते हैं।

प्रशिक्षण की मुख्य विशेषताएं :

ट्रॉमा की परिभाषा और प्रकार : ट्रॉमा के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक प्रभावों पर चर्चा की गई। आपदाओं, व्यक्तिगत नुकसान और सामूहिक घटनाओं के प्रभावों पर विचार किया गया।

ट्रॉमा के लक्षण और प्रभाव : मानसिक तनाव और उसके लक्षणों की पहचान करना। मानसिक आघात को समझने और प्रबंधित करने की तकनीकें सिखाई गईं।

ट्रॉमा से उबरने की रणनीतियां : माइंडफुलनेस तकनीकें और सकारात्मक मानसिकता विकसित करने के उपाय। सोमेटिक थेरेपी और शारीरिक-मानसिक संबंध को समझने की प्रक्रिया।

व्यवहारिक कौशल और सिद्धांत : संकट के दौरान उचित मनोवैज्ञानिक सहायता देने के लिए आवश्यक कौशल। आपदा प्रभावित व्यक्तियों के साथ संवाद और उनकी मानसिक स्थिति सुधारने के तरीके।

मानसिक और शारीरिक रूप से आपदा प्रबंधन में दक्ष होंगे एसडीआरएफ जवान

इस कार्यक्रम के जरिए एसडीआरएफ के जवानों को मानसिक रूप से मजबूत बनाने के साथ उन्हें आपदाओं में हताहत व्यक्तियों को त्वरित मानसिक सहायता प्रदान करने के लिए तैयार किया गया। जवान अब मानसिक तनाव और आपदा की चुनौतियों का सामना बेहतर तरीके से करने के लिए सक्षम होंगे। एसडीआरएफ के सभी जवानों को इस प्रकार के प्रशिक्षण देने की योजना बनाई गई है, ताकि हर जवान आपदा प्रबंधन के दौरान मानसिक और शारीरिक रूप से पूरी तरह सशक्त हो सके। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल आयोजन से एसडीआरएफ की आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों में और प्रभावशीलता आएगी।

(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण

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