Uttrakhand

पहाड़ पर जंगल में भटके दो युवक, खड़ी चट्टान से असाधारण रेस्क्यू कर एसडीआरएफ ने बचाई जान

पहाड़ पर जंगल में भटके दो युवक, खड़ी चट्टान से असाधारण रेस्क्यू कर एसडीआरएफ ने बचाई जान
पहाड़ पर जंगल में भटके दो युवक, खड़ी चट्टान से असाधारण रेस्क्यू कर एसडीआरएफ ने बचाई जान

– श्रीकेदारनाथ-तोशी त्रिजुगीनारायण पैदल मार्ग से ड्रोन एवं रोप रेस्क्यू से पाई सफलता

देहरादून, 04 अगस्त (Udaipur Kiran) । विकराल नदी को पार कर खड़ी चट्टान से एसडीआरएफ ने असाधारण रेस्क्यू कर दो युवकों की जान बचाई है। दिल्ली निवासी ये दोनों युवक 31 जुलाई की रात आई आपदा के कारण त्रिजुगीनारायण से ऊपर आठ किमी दूर जंगल में भटक गए थे। भूखे-प्यासे व थकान से भरे दोनों युवक दहशत में थे, तभी देवदूत बनकर आई एसडीआरएफ को देख युवकों को हिम्मत आई। मामला रुद्रप्रयाग जिले का है।

देर रात सोनप्रयाग कोतवाली से एसडीआरएफ को सूचना मिली कि 11 श्रद्धालु त्रिजुगीनारायण से ऊपर आठ किलोमीटर की दूरी पर जंगल में भटक गए हैं। उनके पास खाने-पीने का सामान समाप्त हो चुका है, उन्हें तत्काल मदद की आवश्यकता है। सेनानायक मणिकांत मिश्रा के निर्देश पर एसडीआरएफ टीम 13 किलोमीटर के सड़क मार्ग से त्रिजुगीनारायण के लिए रवाना हुई। छह सदस्यों वाली एसडीआरएफ टीम एसआई जितेंद्र सिंह के नेतृत्व में स्थानीय लोगों के साथ पांच किलोमीटर की दुर्गम चढ़ाई चढ़कर सोन नदी के किनारे पहुंची। यहां का दृश्य अत्यंत विकट था। सोन नदी अपने सबसे तेज प्रभाव में बह रही थी। इसी दौरान सूचना मिली कि 11 में से नौ श्रद्धालु सकुशल वापस आ चुके हैं, लेकिन दो लोग अब भी फंसे हुए हैं।

सोन नदी किनारे से ड्रोन से पूरे जंगल की सर्चिंग

एसडीआरएफ टीम ने ग्रामीणों की मदद से ड्रोन का उपयोग कर सोन नदी के दूसरी ओर जंगल की सर्चिंग शुरू की। ड्रोन को ऊपर देख चट्टान पर बैठे दोनों युवकों ने आवाज लगाई। दोनों युवक खड़ी चट्टान के ऊपर खड़े थे। जहां से उनके लिए उनके नीचे उतरना असंभव था।

दिल्ली के थे दोनों युवक, एसडीआरएफ बनी देवदूत

दोनों युवक अंकित पुत्र फाजिल मंडल और सुनील पुत्र महेश सिंह, सरिता विहार दिल्ली के निवासी हैं। इनकी स्थिति अत्यंत गंभीर थी। 31 जुलाई को बादल फटने के बाद वे गौरीकुंड में फंसे थे। स्थानीय लोगों के कहने पर वे गौरीकुंड-त्रिजुगीनारायण-तोशी मार्ग पर चल दिए। उनकी संख्या 13 के करीब हो गई थी, लेकिन उनमें से कुछ लोग वापस चले गए और नौ लोग सकुशल सोनप्रयाग पहुंच गए। ये दोनों युवक थकान और बिना खाने-पीने के कारण धीमे-धीमे आगे बढ़ रहे थे और अपने साथियों से बिछड़ गए। अपने को अकेला पाते हुए उन्होंने तुरंत सोनप्रयाग कोतवाली को अपने फंसने की सूचना दी।

एसडीआरएफ टीम का बहादुरी भरा साहसिक प्रयास

एसडीआरएफ टीम ने रोप रेस्क्यू की मदद से विकराल नदी को पार किया और खड़ी चट्टान से दोनों युवकों को सुरक्षित नीचे उतारा। इसके बाद एसडीआरएफ टीम ने दोनों युवकों को सुरक्षित सोनप्रयाग कोतवाली पहुंचाया।

अदम्य साहस की सराहना

पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल ने श्रीकेदारनाथ यात्रा मार्ग में पांच हजार से अधिक यात्रियों को व त्रिजुगीनारायण में इन युवकों को कठिन परिस्थितियों में रेस्क्यू करने पर एसडीआरएफ टीम की सराहना की है। उनकी अदम्य साहस और त्वरित कार्रवाई ने असाधारण रेस्क्यू को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में एसडीआरएफ के एसआई जितेंद्र सिंह के साथ आरक्षी रमेश रावत, आरक्षी हिमांशु नेगी,आरक्षी सोनू सिंह, होमगार्ड कर्मी कैलाश, पैरामेडिक्स अमृत एवं भूपेंद्र शामिल थे। स्थानीय लोगों ने भी एसडीआरएफ का सहयोग किया है। इसके लिए एसडीआरएफ टीम ने उनका धन्यवाद दिया।

(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण / वीरेन्द्र सिंह

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