Haryana

फरीदाबाद : सडक़ सुरक्षा को लेकर नहीं बरती जाएगी लापरवाही : एसडीएम शिखा

एसडीएम शिखा समीक्षा बैठक करते हुए

एसडीएम ने की जिला सडक़ सुरक्षा समिति के संबंध में समीक्षा बैठक

फरीदाबाद, 23 मई (Udaipur Kiran) । एसडीएम फरीदाबाद शिखा ने कहा कि सडक़ सुरक्षा नियमों को पालन करने के लिए जिस विभाग के अधिकारी और कर्मचारी को जो भी दायित्व मिला है, वह उसको गंभीरता से पालन करें। एसडीएम फरीदाबाद शिखा ने शुक्रवार को सडक़ सुरक्षा के नियमों की सही पालना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।

एसडीएम फरीदाबाद शिखा ने कहा कि शहर की जिन भी सडक़ों पर गड्ढे हैं या सडक़ क्षतिग्रस्त है, उन स्थानों का त्वरित निरीक्षण कर संबंधित विभाग उन्हें शीघ्र अति शीघ्र दुरुस्त करने की कार्यवाही करें। जिन स्थानों पर पूर्व में दुर्घटनाएं हुई हैं, उन्हें चिह्नित कर वहां आवश्यक सुधारात्मक कार्य जैसे साइन बोर्ड, रिफ्लेक्टर, स्पीड ब्रेकर आदि लगाए जाएंगे ताकि भविष्य में दुर्घटनाओं को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि सभी मुख्य मार्गों और हाईवे पर उचित स्थानों पर साइन बोर्ड, रिफ्लेक्टिव चिन्ह, और ट्रैफिक लाइट्स की उपलब्धता और कार्यशीलता सुनिश्चित की जाएगी। किसी भी जगह ट्रैफिक लाइट खराब हो, तो उसकी मरम्मत प्राथमिकता से करवाई जाए। साथ ही सडक़ के मध्य में लगे सुरक्षा ग्रिल, यदि कहीं टूटे या क्षतिग्रस्त हैं, तो उन्हें तुरन्त रिपेयर किया जाए। इसके साथ ही, यदि किसी भी सडक़ के बीच में बिजली पोल, टेलीफोन खंभा या अन्य कोई संरचना अवरोध पैदा कर रही है, तो संबंधित विभाग उसे तुरंत हटाकर सुरक्षित स्थान पर स्थापित करें।

एसडीएम शिखा ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिला प्रशासन द्वारा स्कूली बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए स्कूल बसों की निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था को सख्त किया जाए। प्रत्येक स्कूल बस के ड्राइवर और कंडक्टर का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य रूप से कराया जाए। बिना वेरिफिकेशन के किसी भी व्यक्ति को बस संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रत्येक निजी स्कूल को यह जानकारी देनी होगी कि उनके पास कुल कितनी बसें हैं, और प्रत्येक बस के ड्राइवर एवं कंडक्टर का शपथ पत्र (एफिडेविट) प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। साथ ही निजी स्कूलों से यह सुनिश्चित कराएं कि उनके स्कूल वाहनों का पंजीकरण प्रमाणपत्र समय पर अपडेट हो, ड्राइवरों के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस हो तथा उनकी आंखों की जांच (कैटरेक्ट टेस्ट) करवाई जाए। बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे।

(Udaipur Kiran) / -मनोज तोमर

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