

हकृवि में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर कार्यक्रम आयोजितहिसार, 28 फरवरी (Udaipur Kiran) । हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने कहा है कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की अहम भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता और सतत विकास को सुनिश्चित करने के लिए विज्ञान और नवाचार का सही दिशा में उपयोग करना जरूरी है। इसके लिए शोधार्थियों और वैज्ञानिकों को आपसी तालमेल के साथ कार्य करना होगा। कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज शुक्रवार को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर आत्मनिर्भर और सतत विकसित भारत-2047 के लिए विज्ञान का उपयोग विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मौलिक विज्ञान एवं मानवीकी महाविद्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज मुख्य अतिथि रहे जबकि पूर्व प्रोफेसर, अधिष्ठाता (शैक्षणिक कार्य) और नोडल अधिकारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 गुरु जंभेश्वर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के डॉ. देवेंद्र कुमार मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम एचएयू साइंस फोरम, इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल (आईआईसी) व विज्ञान भारती, हिसार के सौजन्य से आयोजित किया गया। कुलपति ने कहा कि भारत को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए अनेक वैज्ञानिकों, गणितज्ञों, खगोलविदों तथा इंजीनियरों ने अपना योगदान दिया है, जिसने देश को विश्वभर में पहचान दिलाई है। शिक्षक अपने छात्रों में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा और उत्साह जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विद्यार्थियों को नोबेल पुरस्कार विजेता सर सीवी रमन जिनके सम्मान में प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है उनके जीवन से प्ररेणा लेनी चाहिए। मुख्य वक्ता डॉ. देवेंद्र कुमार ने नई शिक्षा नीति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ज्ञान, शोध व नवाचार को केंद्रित करके काम करने की जरूरत है तथा उन्होंने नए पाठ्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नई तकनीकों का शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि नई शिक्षा नीति भारत केंद्रित, सर्वांगिण विकास करने वाली, समग्र शिक्षा को समाहित करने वाली, कौशल विकास करने वाली, रोजगार सृजन करने वाली व ज्ञान आधारित समाज विकसित करने वाली है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए स्कूलों एवं कॉलेज में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं व कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं ताकि बच्चों में वैज्ञानिक सोच का निर्माण होने के साथ-साथ विज्ञान के प्रति उनकी रुचि बढ़ सके। विज्ञान दिवस पर स्कूल एवं कॉलेज स्तर पर विद्यार्थियों के लिए क्विज, मॉडल व पोस्टर की प्रतियोगिताएं आयोजित की गई।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
