—कॉन्क्लेव के लिए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास को भी संस्थागत भागीदार बनाने का प्रस्ताव
वाराणसी, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । महाकुम्भ 2025 के पूर्वगामी संवाद कार्यक्रम श्रृंखला में गुरूवार को वैदिक विज्ञान केंद्र बीएचयू में कुम्भ कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। इस वर्ष यह आयोजन देश के 25 महानगरों एवं सात विदेशी स्थलों पर भी होगा। इंडिया थिंक काउंसिल की पहल पर कॉन्क्लेव के लिए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास को भी संस्थागत भागीदार के रूप में सम्मिलित करने के लिए प्रस्ताव दिया गया।
कुम्भ कॉन्क्लेव की थीम महाकुम्भ : अमूर्त संस्कृत धरोहर, भारतीय दर्शन और परम्परा में वैश्विक शांति रही। वैदिक विज्ञान केन्द्र के संयोजक प्रो० उपेन्द्र त्रिपाठी ने इसकी शुरूआत की। गोष्ठी के मुख्य बिन्दुओं पर काउंसिल के डायरेक्टर सौरभ पाण्डेय ने प्रकाश डाला। पहला कीनोट सम्बोधन कुलपति, केंद्रीय उच्च तिब्बती अध्ययन संस्थान प्रो० वांगचुक दोरजी नेगी ने दिया। दूसरा कीनोट सम्बोधन संयुक्त निदेशक, धर्मार्थ कार्य विभाग एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी, श्री कशी विश्वनाथ मंदिर विश्व भूषण मिश्र, तीसरा भारत अध्ययन केंद्र बीएचयू के संयोजक प्रो. सदाशिव द्विवेदी ने दिया।
इसके बाद काशी कुम्भ कॉन्क्लेव गोलमेज सम्मेलन में प्रो. गिरिजा शंकर शास्त्री, प्रो. कमलेश झा, कुलपति, डॉ बीआर अम्बेडकर विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर, बिहार प्रो० दिनेश चंद्र राय ने विचार रखा। अध्यक्षता महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने किया। बताते चले कुम्भ कॉन्क्लेव देश के प्रतिष्ठित संवादों में से एक है । इसे 2019 के प्रयागराज कुम्भ के दौरान प्रयागराज कुम्भ मेला प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश पर्यटन के सहयोग से शुरू किया गया था। उत्तर प्रदेश पर्यटन और प्रयागराज मेला प्राधिकरण कुम्भ 2019, प्रयागराज और कुम्भ हरिद्वार 2021 के दौरान प्रमुख कार्यक्रम भागीदार रहे।
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी / विद्याकांत मिश्र