Jammu & Kashmir

स्किम्स स्वायत्त संस्था बनी हुई है- सरकार

जम्मू, 22 मार्च (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर सरकार ने शनिवार को विधानसभा को सूचित किया कि स्किम्स सौरा एक स्वायत्त संस्था बनी हुआ है और जम्मू कश्मीर सरकार के पुनर्गठन से पहले और बाद के व्यावसायिक नियमों में इसके बारे में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

उन्होंने यह भी दावा किया कि पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान स्किम्स सौरा में 21 करोड़ से लेकर 34 करोड़ रुपये तक की पूंजीगत व्यय निधि समाप्त हो गई। तंगमार्ग के विधायक फारूक अहमद शाह के एक प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा प्रभारी मंत्री सकीना मसूद इट्टू ने सदन को सूचित किया कि स्किम्स एक स्वायत्त संस्था बना हुआ है।

मंत्री ने कहा कि स्किम्स सौरा की स्थापना वर्ष 1976 में हुई थी। स्किम्स एक स्वायत्त संस्थान बना हुआ है। यह स्किम्स के लिए तृतीयक देखभाल अस्पताल और डीम्ड विश्वविद्यालय दोनों के रूप में सच है। स्किम्स (डिग्री अनुदान अधिनियम), 1983 के अनुसार डिग्री प्रदान करना जारी रखता है। इसके अलावा स्किम्स के लिए बजट आवंटन स्वास्थ्य विभाग के अनुदान पर जारी है जैसा कि पहले था। सरकार ने कहा कि स्किम्स के संबंध में जम्मू-कश्मीर सरकार के व्यावसायिक नियमों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। सरकार के अनुसार पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के सरकारी व्यावसायिक नियमों की पहली अनुसूची के अनुसार स्किम्स का विषय स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा को सौंपा गया था और पुनर्गठन के बाद गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जीएसआर-534 (ई), दिनांक 27.08.2020 के माध्यम से जारी किए गए व्यावसायिक नियमों-2019 के माध्यम से इसे जारी रखा गया इसलिए स्किम्स के व्यावसायिक नियमों के लेन-देन में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

सरकार ने दावा किया कि मरीजों की देखभाल के हित में और भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी, समयबद्ध और योग्यता आधारित बनाने के लिए स्किम्स सौरा के राजपत्रित और अराजपत्रित कर्मचारियों की भर्ती लोक सेवा आयोग और सेवा चयन बोर्ड को हस्तांतरित कर दी गई है। सरकार ने दावा किया कि जम्मू और कश्मीर मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन की सेवाओं को स्किम्स सौरा तक बढ़ाया गया क्योंकि इसकी आंतरिक खरीद तंत्र इसकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपर्याप्त और बेहद सुस्त थी।

सरकार ने दावा किया कि 2021-22 में 34.16 करोड़ रुपये, 2022-23 में 21.72 करोड़ रुपये और 2023-2 में 34.22 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय समाप्त हो गया।

(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह

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