
शिलांग, 06 मार्च (Udaipur Kiran) । मेघालय में खाद्य और बोतलबंद पानी में माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए ‘भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण’ (एफएसएसएआई) ने एक विशेष परियोजना शुरू की है। यह जानकारी राज्य विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री अम्पारिन लिंगडोह ने दी।
राज्य विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विधायक एडेलबर्ट नोंग्राम ने स्वास्थ्य मंत्री से पूछा कि बोतलबंद पानी में माइक्रोप्लास्टिक से स्वास्थ्य को होने वाले खतरों के प्रति सरकार कितनी जागरूक है और क्या इसे रोकने के लिए कोई कदम उठाए गए हैं?
इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 18 अगस्त, 2024 को एफएसएसएआई ने माइक्रोप्लास्टिक रोकथाम के लिए यह परियोजना शुरू की थी। इस परियोजना का उद्देश्य खाद्य पदार्थों में माइक्रो और नैनोप्लास्टिक की मौजूदगी का आकलन करना है।
उन्होंने कहा कि परियोजना के तहत माइक्रोप्लास्टिक की जांच के लिए एक मानक विकसित करने की योजना बनाई जा रही है। राज्य सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीर है। खाद्य सुरक्षा विभाग बोतलबंद पानी के नमूनों की जांच कर रहा है, जिसमें माइक्रोप्लास्टिक के अलावा खनिज तेल, धात्विक प्रदूषक, कीटनाशक अवशेष और सूक्ष्मजीव संबंधी मानकों की मौजूदगी की भी जांच की जा रही है।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
