हरिद्वार, 01 अगस्त (Udaipur Kiran) । श्रावण मास की शिवरात्रि शुक्रवार को होगी। हालांकि चतुर्दशी दो दिन व्यापिनी होने से श्रद्धालुओं में जलाभिषेक के समय को लेकर भ्रम बना हुआ है। सावन में चतुर्दशी तिथि को भगवान भोलेनाथ का अभिषेक व पूजन का विधान है। इस बार यह तिथि 2 अगस्त की दोपहर 3 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी और 3 अगस्त शनिवार को इसका समापन अपराह्न 3 बजकर 50 मिनट पर होगा। क्योंकि मासिक शिवरात्रि रात में रहेगी, इसलिए सावन शिवरात्रि का व्रत शुक्रवार 2 अगस्त के दिन ही रखा जाएगा, जबकि जलाभिषेक दोनों दिन किया जा सकता है।
पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री के मुताबिक सावन शिवरात्रि की पूजा का रात्रि प्रथम प्रहर का मुहूर्त शुक्रवार शाम 7.11 बजे से 9.49 बजे तक रहेगा। रात्रि का द्वितीय प्रहर का शुभ मुहूर्त शुक्रवार को 09.49 बजे रात से 12.27 बजे (3 अगस्त) तक है। इसके बाद रात्रि के तीसरे प्रहर की पूजा का शुभ मुहूर्त रात 12.27 बजे से 03.06 तड़के, (3 अगस्त) और चतुर्थ प्रहर का शुभ मुहूर्त 03.06 तड़के से 05.44 बजे सुबह (3 अगस्त) को है।
पं. शास्त्री के मुताबिक मान्यतानुसार सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा-आराधना करना अत्यधिक फलदायी होता है। भक्ताें की ऐसी मान्यता है कि सावन शिवरात्रि पर पूजन करने पर भगवान शिव भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। शिवरात्रि की पूजा सामग्री में फूल, शहद, दही, धतूरा, बेलपत्र, रोली, दीपक, पूजा के बर्तन और साफ जल समेत गंगाजल को शामिल किया जाता है।
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला / सत्यवान / वीरेन्द्र सिंह