मुंबई ,21 मई ( हि. स.) । यदि हम बाल विवाह की बात करें तो अभी भी टीवी सीरियल या हिंदी फिल्म बालिका वधू के दृश्य नजरों के समक्ष घूमने लगते हैं। अब लगता है कि यह सब गुजरे जमाने की पुरानी परंपरा रही थी। लेकिन प्रतिबंधित होने के बाद राज्य में ग्रामीण आदिवासी क्षेत्रों में अभी भी बाल विवाह किए जाने की कुप्रथा पर लगता है कि पूर्ण रूपेण अंकुश नहीं लगा है। शायद इसी तारतम्य में कल 20 मई 2025 को ठाणे जिले में शहापुर तहसील के वेलुक कातकरी वाडी में एक बाल विवाह होने ही जा रहा था,इस नियोजित बाल विवाह को ठाणे जिला प्रशासन की सतर्कता के कारण सफलतापूर्वक रोक कर एक नाबालिग बालिका की जिंदगी को बचा लिया गया है। ठाणे जिला परिषद की पीआरओ रेशमा आरोटे ने आज बताया कि इस कार्रवाई के दौरान बाल विकास परियोजना अधिकारी धनश्री सालुंखे, पुलिस निरीक्षक सुरेश गावित (कसारा पुलिस स्टेशन), पुलिस उपनिरीक्षक सागर जाधव, जिला महिला एवं बाल विकास कार्यालय प्रतिनिधि दीपाली कांबले, सेवा सामाजिक संस्था की सुरेखा विशे, पर्यवेक्षक कसारा-1 और मुख्य सेवक कविता जगताप (बीट – कसारा 1, परियोजना – डोलखांब) ने संयुक्त रूप से तत्काल कार्रवाई की और बाल विवाह रोक दिया। विशेष रूप से मुख्य सेविका कविता जगताप ने मामले की जानकारी होने पर तत्काल प्रयास कर इस बाल विवाह को रोकने का भरसक प्रयास किया गया है।
ठाणे जिले में बाल विवाह रोकने के लिए की गई कार्रवाई के आंकड़े पर यदि नजर डालें तो पिछले साल ही यानीवर्ष 2024: बाल विवाह के 18 मामले रोके गए हैं। जबकि वर्तमान वर्ष 2025 (आज): 6 मामलों को सफलतापूर्वक विराम लगा दिया गया है।इन आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए, जिले में जागरूकता अभियान और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई के परिणामस्वरूप बाल विवाह के मामलों में उल्लेखनीय कमी आई है।
इस सफल हस्तक्षेप के बारे में जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय बागुल ने पूरी टीम और विशेष रूप से कर्मचारियों और संबंधित अधिकारियों की प्रशंसा करते हुए कहा, बाल विवाह जैसे सामाजिक संकट के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। समय पर कार्रवाई करके एक बालिका के भविष्य को बचाने के लिए मैं पूरी टीम को हार्दिक बधाई देता हूं।
बाल विकास विभाग, पुलिस प्रशासन, जिला महिला एवं बाल विकास कार्यालय तथा गैर सरकारी संगठनों द्वारा दिखाई गई एकता और जागरूकता समाज के लिए प्रेरणादायी है। जिला परिषद, ठाणे के माध्यम से सहयोग एवं जागरूकता गतिविधियां क्रियान्वित की जाती रहेंगी तथा प्रशासन ग्रामीणों से भी सहयोग करने की अपील कर रहा है।
—————
(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
