-गुरु चरण मंदिर और एकलिंगेश्वर महादेव मंदिर में तोडफ़ोड़ का विरोध
जयपुर, 26 अगस्त (Udaipur Kiran) । तीन दिन पूर्व आमेर के सागर के पास मंदिर और संतों की समाधियां बिना पूर्व सूचना के तोड़ने के विरोध में सर्व हिंदू समाज की ओर से मंगलवार का सुबह 11 बजे आमेर के अम्बकेश्वर महादेव मंदिर में जनाक्रोश आंदोलन किया जाएगा। सर्व हिंदू समाज के लोग अम्बकेश्वर महादेव मंदिर में एकत्र होंगे। यहां सभा के बाद सभी वन विभाग और पुलिस चौकी की ओर कूच करेंगे। वहीं वन विभाग के नामजद अधिकारियों और कर्मचारियों को गिरफ्तार कर निलंबित करने की मांग की जाएगी। सोमवार को आंदोलन की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया। लोगों का कहना है कि वन विभाग मंदिर पुजारी पर अतिक्रमण को जो आरोप लगा रहा है वह सरासर गलत है। चरणों की सुरक्षा के लिए हैरिटेज डिजायन के गेट लगाए गए हैं। ये आज के नहीं है।
उल्लेखनीय है कि आमेर सागर तालाब किनारे स्थित करीब 250 साल प्राचीन पौंड्रिक गुरु चरण मंदिर के गेट तोडक़र वहां पर स्थापित चरण खंडित कर दिए गए। इसके साथ ही कनक घाटी स्थित एकलिंगेश्वर महादेव मंदिर में तोडफ़ोड़ की गई है। इससे सर्वसमाज व साधु-संतों में आक्रोश है। तंत्र सम्राट पौंड्रिक जयसिंह द्वितीय के गुरू थे। उन्होंने अपनी तंत्र विद्या से जयसिंह द्वितीय को शक्तिमान बनाया था।
चरण मंदिर के पुजारी पं. चतुर्भुज शर्मा ने बताया कि वन विभाग के कर्मचारियाें ने गुरु चरण खंडित कर दिए और पूजा के सामानों को तालाब में फेंक दिया। लाइट और पानी की लाइनों को उखाड़ दी। मंदिर की सुरक्षा के लिए लगे मुख्य गेट को भी तोड़ दिए। मंदिर पर लगी ध्वजा भी उखाडक़र फेंक दी। घटना का पता चलने पर शनिवार को आक्रोशित लोगों ने वन विभाग के रेंजर श्याम सिंह, गार्ड शिव कुमार चौधरी, वन्य अधिकारी हनुमान के खिलाफ आमेर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई।
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(Udaipur Kiran) / संदीप