
अयोध्या, 1 जून (Udaipur Kiran) । हनुमत उपासना कुंज मीरापुर, अयोध्या धाम के पूर्वाचार्य महंत रामचंद्र दास महाराज काे संताें ने शिद्दत से याद किया। अवसर उनकी पांचवीं पुण्यतिथि महाेत्सव का था। जाे मठ में निष्ठा पूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर मंदिर प्रांगण में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। सभा में अयोध्याधाम के संत-महंतों ने साकेतवासी महंत के चित्रपट पर श्रद्धासुमन अर्पित कर नमन किया और भावभीनी श्रद्धांजलि दी। संताें ने उनके कृतित्व-व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। मठ में रामार्चा पूजन का भी आयोजन किया गया।
इस माैके पर हनुमत उपासना के वर्तमान पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर श्रीमहंत बालयाेगी बालकृष्ण दास उर्फ जाेईराम साेईराम महाराज ने बताया कि आश्रम में आचार्य रामचंद्र दास की 5वीं पुण्यतिथि श्रद्धापूर्वक मनाई गई। पुण्यतिथि पर रामनगरी के सभी संत-महंत सम्मिलित हुए। जिन्हाेंने साकेतवासी महंत के चित्रपट पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। आचार्य रामचंद्र दास विलक्षण प्रतिभा के धनी संत रहे। वह गाै एवं संत सेवी थे। उन्होंने सेवा काे ही अपना धर्म माना। आजीवन सेवा प्रकल्पों से जुड़े रहे। उनके मार्गदर्शन में कई सेवा प्रकल्प के कार्य संचालित हुए। जिनमें कई सेवा प्रकल्प के कार्य आज भी चल रहे हैं। उनका मानना था कि सेवा से बड़ा काेई दूसरा धर्म नही है। सेवा ही परमाेधर्मा। सेवा ही परम धर्म है, उन्होंने उसी का अनुसरण किया। अपने शिष्य-अनुयायियाें काे भी सेवा का पाठ पढ़ाया। सेवा कार्य के लिए प्रेरित भी किया। उनके बारे में जितना कहा जाए वह कम ही है। मठ में गाै, संत, विद्यार्थी, आगंतुक सेवा सुचार रूप से चल रही है। सभी उत्सव, समैया, त्याेहार आदि परंपरागत रूप से मनाया जा रहा है। जिसमें मंदिर से जुड़े शिष्य-अनुयायी, परिकर सम्मिलित होकर पुण्य के भागीदार बनते हैं। पुण्यतिथि पर बड़ी संख्या में संत-महंत, भक्तगण उपस्थित रहे। जिन्हाेंने बड़े ही चाव के साथ प्रसाद ग्रहण किया। अंत में श्रीमहंत बालयाेगी बालकृष्ण दास उर्फ जाेईराम साेईराम महाराज ने पधारे हुए संत-महंतों का स्वागत-सत्कार कर, भेंट-विदाई दिया। पुण्यतिथि पर हनुमानगढ़ी के सरपंच महंत रामकुमार दास, महंत मनीष दास, हनुमानगढ़ी के पुजारी रमेश दास समेत अन्य संत-महंत, भक्तजन उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / पवन पाण्डेय
