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नई दिल्ली, 20 फरवरी (Udaipur Kiran) । कला एवं साहित्य की अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती ने वर्ष 2024 के लिए भरतमुनि सम्मान 2024 मंचीय कला एवं साहित्य (भारतीय भाषाएं) में कलासाधकों को देने की घोषणा की। मंचीय कला में लखनऊ की कत्थक नृत्यांगना डॉ कुमकुम धर एवं साहित्य में भवानी पटना ओड़िशा के संस्कृत साहित्यकर डॉ हरेकृष्ण मेहेर को उनकी कला साधना और अपने कार्यक्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए संस्कार भारती द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
इन दोनों नामों की घोषणा करते हुए संस्कार भारती के अखिल भारतीय महामंत्री अश्विन दलवी ने कहा कि संस्कार भारती द्वारा दिया जाने वाला ‘भरतमुनि सम्मान’ भारत में पंचम वेद के नाम से विख्यात नाट्य शास्त्र के रचियता महर्षि भरत मुनि को समर्पित है। ऐसे विशिष्ट कलाकारों को सम्मानित करते हुए गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश सोनी, संस्कार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ मैसूर मंजुनाथ, केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के द्वारा यह सम्मान 22 फरवरी को नई दिल्ली नगर पालिका कन्वेन्शन सेंटर, दिल्ली में आयोज्य ‘भरत मुनि सम्मान 2024 ‘ कार्यक्रम में दिया जाएगा।
जिसमें सम्मान के रूप में एक स्मृति चिह्न, सम्मान पत्र एवं एक लाख इक्यान हजार रुपये की राशि भेंट की जाएगी। उसी समय संस्कार भारती द्वारा निर्मित दोनो ही कलाकारों के जीवन और उनके कार्यों पर आधारित लघु फिल्म भी दिखाई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि कला जगत के इस प्रतिष्ठित सम्मान का शुभारंभ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भगवत के द्वारा विगत वर्ष बंगलौर में कला साधक संगम में किया गया। जिसका ‘प्रथम सम्मान’ दृश्यकला में मुंबई के चित्रकार विजय दशरथ आचरेकर एवं लोककला में सिंधुदुर्ग के गणपत सखाराम मसगे को उनकी कला साधना और अपने कार्यक्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया था। वार्षिक आयोजित होने वाले इस सम्मान में प्रतिवर्ष दो विधाओं में दिए जाने वाले इस सम्मान का संस्थागत, कला विश्वविधालयों एवं व्यक्तिगत संपर्को के आधार पर आवेदन के माध्यम से कला साधको का निर्णायक मंडल द्वारा चयन किया जाता है।
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(Udaipur Kiran) / माधवी त्रिपाठी
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