कठुआ 18 नवंबर (Udaipur Kiran) । पिछले 17 दिन से अपनी लंबित मांगों को लेकर नगर परिषद कठुआ के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल सोमवार को भी जारी रही। जिसके चलते सोमवार को सफाई कर्मचारियों ने शहर में रोष मार्च निकालकर अपनी जायज मांगों को लेकर आवाज बुलंद की।
गौरतला हो कि पिछले 17 दिन से नगर परिषद कठुआ के सफाई कर्मचारी अपनी लंबित मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं लेकिन जिला प्रशासन और कठुआ के विधायक ने अभी तक सफाई कर्मचारियों की सुध नहीं ली। जिसके चलते सफाई कर्मचारियों में काफी रोष है। हालांकि सिविल सोसाइटी के सदस्यों और डीडीसी नगरी सहित अन्य संस्थाओं ने सफाई कर्मचारी का समर्थन किया है। उन्होंने भी îूटी सरकार और मौजूदा एनसी सरकार से अपील की है कि सफाई कर्मचारियों की मांगों को जल्द पूरा किया जाए ताकि शहर की सफाई व्यवस्था फिर से सुचारू हो सके। उन्होंने कहा कि 17 दिनों से सफाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं जिसके चलते पूरा शहर गंदगी के ढेर पर है और अब महामारी का भी खतरा मंडराने लगा है। लेकिन जिला प्रशासन और संबंधित विभागों की ओर से कोई भी उचित कदम नहीं उठाए जा रहे। हैरानगी की बात है कि नगर परिषद इस वक्त भंग हो चुकी है और जिला उपायुक्त नगर परिषद कठुआ के अध्यक्ष हैं और उनके ओर से भी सफाई संबंधित कोई कदम नहीं उठाए गए। शहर के मुख्य सड़कें, चैक चैराह,े मंदिर, स्कूल, सरकारी कार्यालयों के बाहर गंदगी के बड़े-बड़े ढेर लग चुके हैं लेकिन इस सफाई अभियान में कोई भी पहल नहीं कर रहा।
वहीं देश के प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत अभियान के तहत आए दिन जागरूकता का पाठ पढ़ाते नजर आते हैं लेकिन शायद जिला प्रशासन तक उनकी अपील नहीं पहुंच रही है। यह देश हमारा है, प्रदेश हमारा है, जिला हमारा है और यह शहर हमारा है। अगर सफाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं तो वो उनका अधिकार है लेकिन आए दिन स्वच्छता अभियान के नाम पर फोटो सेशन करवाने क्यूं चुप हैं। उन लोगों को भी इस वक्त बाहर आना चाहिए और कम से कम अपने-अपने वार्डों में सफाई स्वयं करवानी चाहिए। इस मुश्किल घड़ी में ना तो कोई स्वयंसेवक बाहर आ रहे हैं ना नेता बाहर आ रहे हैं जो आए दिन स्वच्छता अभियान पर फोटो सेशन करवाते हैं। सभी सफाई कर्मचारियों की हड़ताल खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं दूसरी और सफाई कर्मचारियों ने सीधे तौर पर चेतावनी देते हुए कहा है कि हर वर्ष अपनी लंबित मांगों को लेकर प्रदर्शन करते आ रहे हैं हर बार उन्हें झूठे आश्वासन देकर उनकी हड़ताल को समाप्त करवाया जाता है। लेकिन इस बार जब तक उनकी जायज मांगों को पूरा नहीं किया गया तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी।
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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया