सतना, 05 नवंबर (Udaipur Kiran) । भगवान श्रीराम की तपस्थली चित्रकूट में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का महाकौशल क्षेत्र के प्रांत स्तरीय वर्ग सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत की मौजूदगी में मंगलवार 369से शुरू हो गया। सरसंघचालक डॉ भागवत ने संघ के विस्तार पर जोर दिया। उन्होंने अगले साल होने वाले संघ के शताब्दी वर्ष को अच्छे से मनाए जाने की बात कही। उन्होंने समाज के प्रति स्वयंसेवकों की भूमिका का जिक्र करते हुए उन्हें दायित्व बोध कराया।
चित्रकूट के दीनदयाल परिसर स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया सभागार में आयोजित प्रांत स्तरीय वर्ग के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए सरसंघ चालक डॉ भागवत ने समरस समाज निर्माण के मंत्र पर आगे बढ़ते हुए हिंदुत्व और हिंदुओं की एकता के लिए काम करने की प्रेरणा दी। उन्होंने समाज के प्रति संघ चालकों की भूमिका पर उद्बोधन दिया। डॉ भागवत ने कहा कि संघ किसी वर्ग विशेष का नहीं बल्कि सभी का है और समरस समाज के निर्माण के लिए सतत कार्यरत है। संघ के स्वयंसेवक समाज मे संघ के प्रतिनिधि होते हैं।
उन्होंने कहा कि समाज उनसे अपेक्षा रखता है और उनके प्रति आशान्वित रहता है। इस नाते में समाज के प्रति स्वयं सेवकों-संघ चालकों की जिम्मेदारी भी ज्यादा है। समाज में संघ और उसकी विचारधारा की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए संघ चालकों को भी दृष्टिकोण रखना होगा। समाज के हित और उत्थान के कार्यों को गति प्रदान करनी होगी। लोग भ्रांतियां फैलाते हैं लेकिन, हमें अपने कार्यों से न केवल उन्हें जवाब बल्कि समाज को संदेश भी देना होगा।
वर्ग के दूसरे सत्र में सामाजिक विषमता और समरसता पर मंथन करते हुए कहा गया कि संघ में जातीय भेदभाव और छुआछूत की भावना का कोई स्थान नहीं है। कुछ लोग संघ को सवर्णों और मनुवादियों का संगठन बता कर समाज में विषमता पैदा करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। लेकिन, स्वयंसेवकों को धैर्य के साथ उनकी कोशिशों को विफल करना है और समाज को एक सूत्र में पिरोकर हिंदुत्व का मजबूती प्रदान करना है।
इस दौरान रमेश पतंगे की पुस्तक ‘मैं मनु और संघ’ पर भी चर्चा की गई। कहा गया कि समाज में जुड़ने का भाव पैदा करना होगा, संदेश देना होगा कि बंटेंगे तो नुकसान होगा। इस दौरान हिंदुत्व के लिए जिला स्तर पर कार्यक्रम करने पर भी बात हुई।
सुबह कराई पंचकर्म चिकित्सा
सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत मंगलवार तड़के करीब चार बजे ट्रेन से चित्रकूट धाम कर्वी स्टेशन पहुंचे। यहां से उन्होंने चित्रकूट पहुंचकर आरोग्यधाम स्थित टाटा रिसर्च फाउंडेशन के सेंटर में पंचकर्म चिकित्सा कराई। सुबह 5 से 8 बजे तक लगभग तीन घंटे चली पंचकर्म चिकित्सा का लाभ लेने के बाद वे वैदेही भवन पहुंचे। सरसंघचालक इसी भवन में ठहरे हुए हैं।
(Udaipur Kiran) तोमर