West Bengal

संदेशखाली आंदोलन के नेता सुजय ‘मास्टर’ ने तृणमूल का दामन थामा

सुजय 'मास्टर' ने तृणमूल का दामन थामा

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दौरे पर बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम

कोलकाता, 30 दिसंबर (Udaipur Kiran) । संदेशखाली के राजनीतिक परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव तब देखने को मिला जब सुजय मंडल उर्फ ‘सुजय मास्टर’ ने पार्टी का झंडा थामा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सोमवार को संदेशखाली दौरा किया। उसके ठीक पहले उनकी जॉइनिंग हुई है।

सुजय मास्टर राज्य सरकार के स्कूल में पारा शिक्षक हैं। एक समय वे मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े हुए थे। बाद में उन्होंने तृणमूल कांग्रेस का हिस्सा बनकर संदेशखाली में सक्रिय भूमिका निभाई। हालांकि, स्थानीय नेताओं शाहजहां शेख, उत्तम सरदार और शिबू हाजरा के खिलाफ आवाज उठाने के चलते उनका तृणमूल से टकराव हो गया। यही नहीं, इन नेताओं के कथित ‘अत्याचारों’ के खिलाफ उन्होंने महिलाओं को संगठित किया, जिसके चलते उन्हें जेल भी जाना पड़ा।

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महिलाओं के आंदोलन और राजनीतिक बदलाव

संदेशखाली में तृणमूल के कुछ नेताओं पर महिलाओं की जमीन जबरन हड़पने और मछली पालन के लिए उपयोग करने का आरोप लगा। इस दौरान सुजय मास्टर ने महिलाओं का नेतृत्व किया। बाद में सुजय की शागिर्द मानी जाने वाली रेखा पात्र को भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया। हालांकि, दोनों के बीच मतभेद भी उभरे।

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तृणमूल में वापसी

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के संदेशखाली दौरे से पहले तृणमूल के कार्यालय में सुजय मास्टर ने औपचारिक रूप से पार्टी में वापसी की। स्थानीय नेताओं की उपस्थिति में उन्होंने तृणमूल का झंडा थामा।

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राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

भाजपा नेता और विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सुजय तो तृणमूल के ही व्यक्ति थे। लोकसभा चुनाव के समय भी वे तृणमूल के साथ थे। उन्होंने मुझसे कुछ दिन पहले कहा था कि वे दबाव में हैं। मैंने उन्हें अपनी मर्जी से निर्णय लेने को कहा।

सुजय मास्टर की वापसी को तृणमूल कांग्रेस के लिए राजनीतिक मजबूती के रूप में देखा जा रहा है। संदेशखाली में तृणमूल की पकड़ को और मजबूत करने की ममता बनर्जी की रणनीति का यह हिस्सा माना जा रहा है।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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