Jharkhand

झारखंड की नींव खोद रहे बालू माफिया : बाबूलाल मरांडी

(फ़ाइल फ़ोटो) बाबूलाल मरांडी

रांची, 22 अप्रैल (हि.स. )। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड में अवैध बालू खनन को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधा है। मरांडी ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सिल्ली के राढु नदी पर बने एक पुल का हवाला देते हुए कहा कि यह पुल अब कभी भी गिर सकता है, क्योंकि वह बालू माफियाओं के निशाने पर है।

उन्होंने आरोप लगाते हुए लिखा कि हेमंत सोरेन के पोषित बालू तस्कर सिर्फ पुल की बुनियाद नहीं खोद रहे, बल्कि विकास की संभावनाएं, युवाओं का भविष्य और सरकार की नींव खोद रहे हैं। भष्टाचार और अवैध खनन की भेंट चढ़ चुका सिल्ली में राढु नदी पर बना पुल कभी भी भरभरा कर ध्वस्त हो सकता है। जर्जर पुल झारखंड की अंदर से कमजोर होती व्यवस्था का प्रतीक है। मरांडी ने लिखा कि मैंने पूर्व में भी सिल्ली में धड़ल्ले से चल रहे अवैध बालू कारोबार को सरकार के संज्ञान में लाया था लेकिन अब ऐसा प्रतीत होता है कि इनका एकमात्र लक्ष्य झारखंड के नदियों, पहाड़ों को चीरकर अपनी तिजोरी भरना ही है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि खनन विभाग सिर्फ कागजों पर टास्क फोर्स बनाकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है जबकि जमीनी स्तर पर सिल्ली से रांची के बीच पड़ने वाले सभी थानों की पुलिस पूरी ईमानदारी से बालू ढोने वाले वाहनों से वसूली कर राशि सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचा रही है। उन्होंने प्रशासन को चेताते हुए कहा कि यदि अब भी चुप्पी साधी गयी, तो यह इस लूट में भागीदार बनने जैसा होगा। उन्होंने कहा कि झामुमो-कांग्रेस के सामने नतमस्तक होने से बेहतर है कि अधिकारी अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करें और झारखंड को लूटने से बचाएं।

ये अबुआ सरकार नहीं, ‘ठगुआ’ सरकार: बाबूलाल

बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया पर एक अन्य पोस्ट में आरोप लगाते हुए लिखा है कि ये अबुआ सरकार नहीं, ‘ठगुआ’ सरकार है। उन्होंने कहा कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से करोड़ों रुपये के अवैध निकासी के आरोपित कैशियर सह अपर डिविजनल क्लर्क ने स्वीकार किया है कि कमीशन की राशि विभाग के तत्कालीन मंत्री, तत्कालीन सचिव और अभियंताओं में बंटी थी। तत्कालीन सचिव ने पैसे ठिकाने लगाने के लिए ‘गिरिडीह’ जैसे कोडवर्ड का ईस्तेमाल किया है। पूरी संभावना है कि पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर के माध्यम से कमीशन की राशि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक पहुंची है। प्रश्न यह है कि झामुमो कांग्रेस आखिर किस हद्द तक हमारे झारखंड को लूटते रहेंगे? कब तक जनादेश को अपमानित करते रहेंगे? जब पूरी सरकार और उसके मातहत अधिकारियों का ध्यान सिर्फ लूट खसोट में ही लगा रहेगा, तो युवाओं के लिए रोजगार के अवसर कैसे पैदा होंगे? निवेश के द्वार कहां से खुलेंगे? हेमंत सोरेन ने झारखंड की साख को जो धक्का पहुंचाया है, वो अकल्पनीय है।

—————

(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे

Most Popular

To Top