रामगढ़, 12 जुलाई (Udaipur Kiran) । फ्लोरोसिस बीमारी को रोकने के लिए सैंपल जांच करना बेहद आवश्यक है। जिन इलाकों में फ्लोरोसिस के मरीज मिल रहे हैं, वहां अभियान चलाकर उनका इलाज करना होगा। यह बातें शुक्रवार को सिविल सर्जन कार्यालय में आयोजित राष्ट्रीय फ्लोरोसिस निवारण एवं नियंत्रण कार्यक्रम के दौरान सिविल सर्जन डॉक्टर महालक्ष्मी प्रसाद में कही।
नेशनल प्रोग्राम फ़ॉर प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ फ्लोरोसिस कार्यक्रम के अंतर्गत जिला स्तरीय कोऑर्डिनेशन कमिटी की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक के दौरान एनपीपीसीएफ प्रयोगशाला की स्थापना, एनपीपीसीएफ के लिए प्रशिक्षित मानव बल की वस्तुस्थिति, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से समन्वय, विद्यालयों का सर्वेक्षण, सामुदायिक सर्वेक्षण, पीएसएमए के दौरान गर्भवती महिलाओं की फ्लोरोसिस की जांच, ओपीडी मे फ्लोरोसिस स्क्रीनिंग, विद्यालयों मे प्रचार–प्रसार, वार्षिक जिला स्तरीय कोऑर्डिनेशन कमिटी का गठन, जिले मे व्यापक आईईसी गतिविधियों का प्रचार-प्रसार, विशेष जांच शिविर का आयोजन करने पर जोर दिया गया।
इसके अलावा विटामिन सी, डी और कैल्सियम की गोलियों का वितरण तथा फ्लोरोसिस से बचाव के लिए सुधारात्मक उपाय आदि पर चर्चा की गयी। साथ ही सभी प्रखंडों से आए सीएचओ एवं एलटीएस को दिशा-निर्देश दिया गया। बैठक के दौरान फ्लोरोसिस प्रभावित क्षेत्रों मे सैम्पल एकत्रित एवं उसमें वृद्धि करने पर विशेष ज़ोर दिया गया, जिससे प्रभावित लोगों के बीच दवाओं का वितरण किया जा सके। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने विभिन्न क्षेत्रों के जल जांच और हर संभव सहयोग करने को कहा।
बैठक में डॉ उदयशंकर श्रीवास्तव उपाधिक्षक सदर अस्पताल, अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, डिस्ट्रिक्ट कंसलटेंट डॉ पल्लवी कौशल, डीपीएमयू एवं बीपीइएमयू टीम, सभी प्रखंडों के सीएचओ और एलटीएस सहित अन्य उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / अमितेश प्रकाश / चन्द्र प्रकाश सिंह