Uttar Pradesh

संभल : निजी स्कूलों को प्राइवेट प्रकाशन की महंगी पुस्तकें लगाना पड़ा भारी, लगा 33 लाख का दंड

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अभिभावकों का आरोप सीबीएसई और आईसीएसई विद्यालयों ने चिह्नित बुक डिपो से किताबें खरीदने के लिए किया विवश

मुरादाबाद, 05 मई (Udaipur Kiran) । जिलाधिकारी ने निजी स्कूलों पर बड़ा एक्शन लिया है। आरोप है कि सीबीएसई और आईसीएसई विद्यालयों में एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों के स्थान पर निजी प्रकाशकों की महंगी पुस्तकों का संचालन और किताबों की चिह्नित बुक डिपो से ही किताबें खरीदने के लिए अभिभावकों को विवश किया जा रहा है। इस मामले में जिले के 33 विद्यालयों पर 1 लाख रूपये प्रति स्कूल के हिसाब से कुल 33 लाख का दंड लगाया गया है। यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम के उल्लंघन के तहत की गई है।

जिलाधिकारी डॉ राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि अभिभावकाें की शिकायत पर सीबीएसई और आईसीएसई से संबद्ध स्कूलों में इस्तेमाल हो रही किताबों की जांच कराई गई। जांच में सामने आया कि 33 स्कूल निजी प्रकाशकों की किताबें चला रहे थे। इसके अलावा छात्रों को केवल विशेष विक्रेताओं से ही किताबें खरीदने के लिए मजबूर किया गया है।

जिला विद्यालय निरीक्षक श्यामा कुमार ने सोमवार को बताया कि अभिभावकों की शिकायत पर विद्यालयों में फीस वसूली की जांच कराई गई थी। जिला प्रशासन की ओर से चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) को तैनात कर इन विद्यालयों में फीस वसूली का ऑडिट कराया गया। ऑडिट के लिए इन विद्यालयों को प्रारूप पत्र देकर तीन साल की फीस का डाटा मांगा गया। अधिकांश विद्यालयों से डाटा उपलब्ध करा दिया गया है। अब इस प्रारूप का सीए की ओर से परीक्षण करने के बाद ये डाटा जिला शुल्क नियामक समिति को उपलब्ध करा दिया जाएगा। इसके बाद समिति की ओर से दिए गए निर्णय के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।———————

(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल

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