संभल, 13 जनवरी (Udaipur Kiran) । जिले में वर्ष 1978 को हुए दंगे की फाइल उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने फिर से खोलकर जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस रिकार्ड के अनुसार वर्ष 1978 में हुए दंगे में नौ लोगों की हत्या हुई थी। 82 आरोपितों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए थे। पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई का कहना है कि इस दंगे का रिकॉर्ड खंगालने के लिए टीम को लगाया गया है, जो भी जानकारी मिलेगी उसे शासन को भेजा जाएगा।
संभल जिला पिछले करीब दो माह से लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। यूपी सरकार ने जिला एवं पुलिस से वर्ष 1978 में हुए इस दंगे की जांच कर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट शासन को मुहैया कराये जाने के आदेश दिए हैं। इस दंगे में मौत का आधिकारिक आंकड़ा 24 था, जबकि स्थानीय निवासियों का यह दावा था कि दंगे में आधिकारिक आंकड़ों से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। कई परिवार यहां से पलायन कर गये थे। पुलिस और प्रशासन अब दंगे में हुई मौतों का असली आंकड़ा लगाने में जुट गया है। जांच में दंगों के बाद बेघर हुए लोगों का असली आंकड़ा भी पता लगाने की कोशिश की जाएगी।
वहीं, पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक वर्ष 1978 के संभल दंगे में नौ लोगों की हत्या हुई थी। दंगे में 82 आरोपितों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए थे। मुरादाबाद न्यायालय में मुकदमे की सुनवाई हुई थी, जिसमें किसी का दोष सिद्ध नहीं हो पाया था। वहीं, पीड़ित परिवार इस दंगे में अपनों को खोने का दर्द आज भी महसूस करते हैं। स्थानीय लोग दंगे में मारे गए लोगों की संख्या पुलिस रिकॉर्ड से कई गुना बताते हैं। दंगे में जान गंवाने वाले बनवारी लाल गोयल के बेटे विनीत कुमार गोयल ने बीते माह दिसम्बर 2024 में संभल के डीएम व एसपी से मुलाकात की थी। उप्र के एमएलसी श्रीचंद शर्मा ने भी पत्र लिखकर दंगों की फिर से जांच की मांग उठाई थी।
मुरादाबाद मंडल के मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि संभल प्रशासन की अपील से पहले ही वर्ष 1978 के संभल दंगे की जानकारी जुटाई जा रही है। जिला न्यायालय में मुकदमों के कागज नहीं मिल पाए हैं। अब इस मामले में हम शासन से सहयोग की अपील करेंगे, वहां मुकदमों का रिकॉर्ड सुरक्षित हो सकता है।
कोतवाली में रिकार्ड उपलब्ध नहीं
वर्ष 1978 के दंगे के बाद कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। सौ से ज्यादा एफआईआर दर्ज की गई थीं, जिसमें लूट, हत्या, आगजनी और बलवा जैसे अपराध शामिल थे। मौके से पुलिस ने 72 आरोपित भी गिरफ्तार किए थे, लेकिन यह सभी रिकॉर्ड कोतवाली में अब नहीं है। 28 सितंबर 2011 में संभल जिला सृजित किया गया था। जिला मुरादाबाद का रिकॉर्ड वापस गया या नहीं इसकी जानकारी भी कोतवाली में उपलब्ध नहीं है। दंगे का कोई भी रिकॉर्ड नहीं मिल रहा है, इसलिए संभल पुलिस मुरादाबाद से रिकॉर्ड खंगाल रही है। रिकॉर्ड को शासन को भेजा जाना है।
खग्गू सराय से 45 रस्तोगी हिंदू परिवार पलायन कर गए थे
वर्ष 1978 में संभल का दंगा हिंदू समुदाय के लिए भयभीत कर देने वाला था। यही कारण था कि खग्गू सराय से 45 रस्तोगी परिवार पलायन कर गए थे। प्राचीन शिव मंदिर में ताला लगाना पड़ा था, जिसको पुलिस प्रशासन की ओर से 14 दिसंबर 2024 को खोला गया है। इसी समय यह दर्द सामने आया था कि दंगों की आग में जले शहर में हिंदू परिवार उन इलाके में जाकर बसे जहां हिंदू बस्ती थी। ऐसा ही हाल शहर के अन्य मोहल्लों में भी हुआ था। क्योंकि दंगों के बाद हिंदू परिवार मुस्लिम मोहल्लों में रहने से डर रहे थे। इसलिए काफी पलायन हुए। कई परिवार तो ऐसे हैं जिन्होंने उस समय शहर ही छोड़ दिया था।
(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल