Haryana

डेरा जगमालवाली के प्रमुख काे आश्रम में ही दी जाएगी समाधि

सिरसा में डेरा जगमालवाली
डेरा प्रमुख महाराज बहादुर चंद

सिरसा, 2 अगस्त (Udaipur Kiran) । डेरा जगमालवाली के प्रमुख महाराज बहादुर चंद वकील साहब का पार्थिव शरीर मस्ताना शाह बलोचिस्तानी आश्रम जगमालवाली में शुक्रवार को दिन में दोपहर दो बजे समाधि दी जाएगी। बहादुर चंद वकील के निधन के बाद अब गद्दी की लडाई शुरू हो गई है। गुरुवार को गद्दी को लेकर डेरे में दो पक्षों में तनाव बना है। दो पक्ष आमने-सामने हो गए थे और गोलियां भी चली थीं।

विवाद के चलते डेरे में पुलिस का पहरा है। यहां दो पक्षों में तनाव बना हुआ है। इसमें एक पक्ष डेरा प्रमुख के भतीजे अमर सिंह व उनसे जुड़े लोगों का है। वहीं दूसरे पक्ष में महात्मा बिरेंद्र सिंह व उनसे जुड़े लोग हैं। डेरा प्रमुख के भतीजे अमर सिंह बिश्नोई ने बताया कि बिश्नोई समाज की परंपरा के अनुसार देह को समाधि देकर दफन किया जाता है। जगमालवाली के प्रमुख बहादुर चंद वकील साहब का अंतिम संस्कार उनके पारिवारिक सदस्यों के द्वारा किया जाएगा। परिवार ने बताया कि डेरा जगमालवाली के प्रमुख महाराज बहादुर चंद्र वकील साहब के बेटे ओम प्रकाश, पोते मुकेश कुमार प्रवीण बिश्नोई, भाई बुधराम बिश्नोई अंतिम संस्कार करेंगे। श्रद्धालु गुरुवार से ही निरंतर डेरा प्रमुख के अंतिम दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।

अंतिम संस्कार से पहले ही डेरा गद्दी को लेकर छिड़ा विवाद

बहादुर चंद वकील के अंतिम संस्कार से पहले ही डेरे में गद्दी को लेकर विवाद छिड़ गया था। बताया जा रहा है कि यहां डेरामुखी की वसीयत पढ़ने के दौरान दो पक्ष आमने सामने हो गए थे। महात्मा बिरेंद्र सिंह से जुडे लोगों ने दावा किया कि डेरा प्रमुख ने एक वसीयत बनाई थी, जो उनके पक्ष में हैं। गुरुवार को जब यह वसीयत सबके सामने पढ़कर सुनाई जा रही थी, उसी समय अमर सिंह व उनसे जुडे लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया था।

विवाद के वीडियो वायरल

इस हंगामे से जुड़े वीडियो भी सामने आए थे। जिनमें कुछ लोग एक व्यक्ति से मारपीट करते दिख रहे हैं। उस शख्स के कपड़े फटे हैं। वीडियो में पुलिस वाले उसे बचाने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं। इस मामले में देर रात तक कोई एफआईआर दर्ज होने की बात सामने नहीं आई है। अमर सिंह की ओर से एक शिकायत पुलिस में देने की बात सामने आई है, मगर पुष्टि नहीं हो पाई है।

दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर लगाए आरोप

डेरा प्रमुख के भतीजे अमर सिंह का कहना कि वीरेंद्र सिंह, बलकौर सिंह, शमशेर लहरी और नंदलाल ग्रोवर डेरे की गद्दी हथियाने के चक्कर में महाराज बहादुर चंद वकील का जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करना चाहते थे। मगर हम इससे सहमत नहीं हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि महाराज की मौत संदिग्ध है और इसकी सीबीआई से जांच होनी चाहिए। अमर सिंह का कहना कि पुलिस में भी लिखित शिकायत की गई है।

विवाद से जुड़े दूसर पक्ष महात्मा बिरेंद्र सिंह से जुडे लोगों का कहना है कि डेरा प्रमुख के निधन के बाद उनका पार्थिव शरीर गुरुवार को डेरे में लाया गया था। यहां डेरा प्रमुख की वसीयत पढी जा रही थी तभी यहां दूसरे पक्ष के लोगों ने हंगामा कर दिया। दूसरे पक्ष की ओर जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह बेबुनियाद हैं। महाराज ने पूरे होश में वसीयत तैयार करवाई है, जिसकी बाकायदा वीडियो ग्राफी करवाई गई है।

पुलिस हाई अलर्ट मोड पर

विवाद काे देखते हुए पुलिस अर्लट माेड़ पर है स्थिति पर नजर बनाए हुए है।

डेरा जगमालवाली में संत वकील साहब के पार्थिव शरीर को समाधि दिए जाने के कार्यक्रम में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के वाहनाें को पुलिस ने नाकाबंदी करके रोक दिया है। स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस प्रशासन ने कालांवाली व पिपली में भी बैरीकेटर लगाकर वाहनों का प्रवेश रोक दिया। डेरा जगमालवाली में संत वकील साहब के पार्थिव शरीर को समाधि दिए जाने के कार्यक्रम में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए पुलिस प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए। कहीं किसी प्रकार की अप्रिय घटना ना हो इसके लिए चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात की गई है।

(Udaipur Kiran) / रमेश डाबर कुमार सक्सैना

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