जम्मू 22 जनवरी (Udaipur Kiran) । स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, समाज कल्याण और शिक्षा मंत्री सकीना इत्तू ने समाज कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं जैसे आईसीडीएस, मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और अन्य योजनाओं के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा हेतु एक बैठक की अध्यक्षता की।
इस अवसर पर समाज कल्याण विभाग के आयुक्त सचिव संजीव वर्मा, आईसीडीएस जम्मू-कश्मीर के मिशन निदेशक, जिला कार्यक्रम अधिकारी, मिशन शक्ति, मिशन वस्तल्य के प्रतिनिधि और एसडब्ल्यूडी के अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित थे।
बैठक के दौरान मंत्री ने कैपेक्स के तहत निधि उपयोग की स्थिति, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों की भर्ती, आंगनवाड़ी केंद्रों की भौतिक और वित्तीय स्थिति और आईसीडीएस परियोजना के अन्य मुद्दों की भी समीक्षा की।
बैठक में अधिकारियों को संबोधित करते हुए सकीना इत्तू ने कुपोषण को दूर करने और बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के बीच समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में पोषण अभियान की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि ये योजनाएं उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार के जम्मू-कश्मीर में सतत विकास और स्वास्थ्य समानता सुनिश्चित करने के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप हैं।
आंगनवाड़ी केंद्रों के कामकाज की समीक्षा करते हुए मंत्री ने संबंधित डीपीओ को केंद्रों के भीतर साफ-सफाई और उचित स्वच्छता बनाए रखने पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को अपने-अपने जिलों में इन केंद्रों की नियमित निगरानी करने के लिए कहा ताकि लाभार्थियों के लिए पोषण प्रावधान की गुणवत्ता बनाए रखी जा सके। उन्होंने कहा कि पोषण की गुणवत्ता का पता लगाने के साथ-साथ इन केंद्रों की जवाबदेही बनाए रखने के लिए नियमित आधार पर औचक निरीक्षण करें।
मंत्री ने इन योजनाओं के अन्य पहलुओं की समीक्षा करते हुए मिशन निदेशक पोषण से लाभार्थियों की वास्तविक समय की निगरानी के लिए डिजिटल उपकरणों का उपयोग करने को कहा। उन्होंने लाभार्थियों के साथ-साथ जमीनी स्तर पर अधिकारियों की निगरानी के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन विकसित करने की सलाह दी। समाज के उत्थान में सामाजिक विकास विभाग के प्रमुख योगदान पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने सभी डीपीओ को अपने-अपने जिलों में इन योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने का आह्वान किया।
सकीना इत्तू ने कहा कि इन लाभार्थी उन्मुख योजनाओं के बारे में लोगों, खासकर दूरदराज के क्षेत्रों में जागरूकता पैदा करने के लिए रेडियो और टीवी जैसे पारंपरिक मीडिया का उपयोग करें। विभाग की विभिन्न योजनाओं के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए अन्य साधनों का भी उपयोग किया जाना चाहिए।
बैठक के दौरान मंत्री ने वन स्टॉप सेंटर, बाल विद्यालय, प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा कार्यक्रम और अन्य योजनाओं के कामकाज और प्रदर्शन के बारे में भी जानकारी ली।
उन्होंने अधिकारियों को इन योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अधिकारियों को समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए भी कहा ताकि वित्तीय व्यवहार्यता बनाए रखी जा सके।
इस अवसर पर मंत्री ने मिशन निदेशक से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के अलावा अन्य कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया को समय पर पूरा करने का आह्वान किया।
बैठक के दौरान मिशन निदेशक पोषण ने बताया कि पोषण ट्रैकर पर जम्मू-कश्मीर देश भर में 5वें स्थान पर है और दिसंबर 2024 तक 28,179 आंगनवाड़ी केंद्र पोषण ट्रैकर पर पंजीकृत हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पोषण ट्रैकर पर नौ लाख से अधिक लाभार्थी पंजीकृत हैं जिनमें से 99 प्रतिषत आधार सत्यापित हैं।
बैठक में यह भी बताया गया कि 98 प्रतिषत आंगनवाड़ी केंद्रों में कार्यात्मक शौचालय और पेयजल सुविधाएं हैं जबकि 96 प्रतिषत में बिजली कनेक्शन हैं।
(Udaipur Kiran) / मोनिका रानी