
श्रीनगर 27 मई (Udaipur Kiran) । समाज कल्याण, शिक्षा और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री सकीना इत्तू ने नागरिक सचिवालय में जम्मू और कश्मीर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग विकास निगम के 45वें निदेशक मंडल की बैठक की अध्यक्षता की।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम, राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम, राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम के प्रतिनिधियों और अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ व्यक्तिगत रूप से या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की।
बोर्ड की बैठक के दौरान मंत्री सकीना जो निदेशक मंडल की अध्यक्ष भी हैं ने जम्मू-कश्मीर में एससी, एसटी, बीसी और विशेष रूप से सक्षम समुदायों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान को बढ़ावा देने में निगम की प्रगति का बारीकी से आकलन किया। उन्होंने जनपहंुच कार्यक्रमों को बढ़ाने, ऋण वितरण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और कल्याणकारी योजनाओं के पारदर्शी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
समावेशी विकास के महत्व को रेखांकित करते हुए मंत्री सकीना ने कौशल विकास, वित्तीय सहायता और उद्यमिता समर्थन के माध्यम से हाशिए पर पड़े वर्गों को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न हितधारकों के बीच समन्वित प्रयासों का आह्वान किया। मंत्री ने समतामूलक विकास को आगे बढ़ाने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की और दोहराया कि सक्रिय शासन, सामुदायिक जुड़ाव और निरंतर वित्तीय समावेशन उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार के लिए केंद्रीय हैं।
बैठक के दौरान निदेशक मंडल ने दूरदराज और वंचित क्षेत्रों में सेवाओं को वितरित करने के लिए निगम की दक्षता में सुधार के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए जिसमें लाभार्थी समर्थन और योजनाओं की वास्तविक समय की निगरानी के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म की शुरुआत शामिल है। एक ऐतिहासिक निर्णय में बोर्ड ने निगम की प्रत्यक्ष वित्तपोषण योजना और शिक्षा ऋण योजना के लाभों को पाड्डरी जनजाति, कोली और गड्डा ब्राह्मण समुदायों सहित पहाड़ी जातीय समूह तक बढ़ाया।
निदेशक मंडल ने निगम को सरकार द्वारा निर्धारित उचित प्रक्रिया का पालन करके वित्त विभाग के परामर्श से आउटसोर्सिंग के आधार पर कुछ तत्काल आवश्यक पदों को भरने की भी अनुमति दी।
बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के वार्षिक लेखों के मसौदे को भी मंजूरी दे दी जिसे सांविधिक लेखा परीक्षक/सीएजी को आगे प्रस्तुत किया जाएगा। इसके अलावा बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट अनुमान और वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए वास्तविक आंकड़ों को भी मंजूरी दी।
बैठक के दौरान निदेशक मंडल ने निगम के मानव संसाधन कल्याण के हित में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए।
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
